हिसार: यौन हिंसा आरोपी पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग

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हिसार, 31 जुलाई (हि.स.)। जनवादी महिला समिति ने मांग की है कि यौन हिंसा के आरोपी पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह पर चंडीगढ़ जिला अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने के बाद उनकी ​तुरंत गिरफ्तारी की जानी चाहिए। इसके साथ ही जूनियर कोच को सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए।

जनवादी महिला समिति प्रधान शकुंतला जाखड़, सचिव बबली लांबा के अलावा निर्मला, बिद्या, संतोष भारती, संगठन निर्माता बिमला चौधरी व शांति ने बुधवार को संयुक्त रूप से कहा कि पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह पर जूनियर महिला कोच से छेड़छाड़ मामले में चंडीगढ़ की जिला अदालत द्वारा आरोप तय करना स्वागत योग्य कदम है। देर से ही सही परंतु इस फैसले से न्याय की उम्मीद मजबूत हुई है। यौन हिंसा पीड़िता जूनियर कोच, उनके परिवार व उनको न्याय दिलवाने के लिए आंदोलन करने वालों को न्याय की लड़ाई यहां तक लाने के लिए बहुत कुछ झेलना पड़ा है। संदीप सिंह अपने पद व दबदबे के बल पर पीड़िता को मानसिक व शारीरिक तौर पर लगातार प्रताड़ित करता रहा है। बेटी बचाओ का नारा देने वाली राज्य की भाजपा सरकार पीड़िता को न्याय पाने में मददगार बनने की बजाए आरोपी को बचाने में जुटी रही। केस वापस लेने का दबाव बनाने के लिए भाजपा सरकार के इशारे पर जूनियर कोच को नौकरी की तमाम सुविधाओं से वंचित कर देना, चरित्र पर उंगलियां उठाना, आतंकित करना, जान से मारने की कोशिश करना, एसआईटी गठित करके संदीप सिंह को क्लिन चिट देना आदि तमाम आपराधिक कृत्य किए गए।

जनवादी समिति नेताओं ने कहा कि उस समय के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आरोपी संदीप सिंह का बचाव करते हुए कहा था कि लड़की के अनर्गल बयान से संदीप सिंह पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। मनोहर लाल खट्टर को अपने इस आचरण के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए और नैतिकता के आधार पर अपने तमाम पदों का त्याग करना चाहिए। जनवादी महिला समिति तथा हरियाणा के दर्जनों नागरिक संगठन, जनसंगठन, गणमान्य नागरिक लगातार न्याय संघर्ष समिति के बैनर से जूनियर कोच को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत हैं तथा जूनियर कोच को सुरक्षा देने व निलंबन वापस लेने की मांग पर अनेक बार राज्य सरकार को ज्ञापन दे चुके हैं। संगठन की नेताओं ने फिर से इन मांगों को दोहराया कि आरोपी मंत्री संदीप सिंह को तुरंत गिरफ्तार करके जेल में डाला जाए, जूनियर कोच को तुरंत पूरी सुरक्षा मुहैया करवाई जाए व नौकरी से निलंबन वापस लिया जाए।