संयुक्त राष्ट्र महिला अधिकारियों ने लैंगिक समानता पर भारत की प्रगति की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में लैंगिक समानता की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। देश महिला नेतृत्व और सशक्तिकरण के लिए नीतियों और कार्यक्रमों में अधिक निवेश कर रहा है, खासकर स्थानीय स्तर पर, जैसे कि पंचायतें।
संयुक्त राष्ट्र महिला में रणनीतिक भागीदारी के निदेशक डैनियल सेमुर और उनके भारतीय प्रतिनिधि सुसान जेन फर्ग्यूसन ने कहा कि भारत में गहरी जड़ें जमा चुके सामाजिक मानदंड और सीमित फंडिंग महिलाओं की प्रगति में बाधक हैं। फर्ग्यूसन ने कहा, लैंगिक समानता में भारत की प्रगति प्रेरणादायक है। बहुत कुछ हासिल किया जा चुका है, शेष चुनौतियों पर काबू पाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी जो सामाजिक आयामों, प्रणालीगत और आर्थिक बाधाओं, सार्वजनिक और छिपे हुए दानदाताओं की सक्रिय भागीदारी को संबोधित करे। भारत के केंद्रीय बजट 2024-25 के लिंग बजट विवरण (जीबीएस) के अनुसार, भारत ने हाल के वर्षों में महिला-केंद्रित कार्यक्रमों के लिए अपने बजट में वृद्धि की है, विशेष रूप से लिंग संवेदनशील बजट में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह महिलाओं और लड़कियों की स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक अवसर जैसी आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में मदद कर रहा है।