केरल के तिरुवनंतपुरम से निर्वाचित सांसद शशि थरूर अपनी पार्टी कांग्रेस के रवैये से नाखुश नजर आ रहे हैं। उनका मानना है कि पार्टी उन्हें संसद की कार्यवाही में पीछे धकेल रही है और राज्य के लिए उनकी भूमिका भी तय नहीं कर रही है।
यही कारण है कि हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछा गया कि पार्टी में उनकी भूमिका क्या है। लेकिन जब वहां भी उन्हें जवाब की जगह निराशा ही मिली तो अब खबर आ रही है कि थरूर की बेचैनी बढ़ती जा रही है। तो क्या कांग्रेस के दिग्गज नेता थरूर भी बगावत की राह पर हैं? शशि थरूर 16 साल से राजनीति में हैं। वह एक राजनयिक थे और 2009 से कांग्रेस पार्टी के सांसद हैं। उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान विदेश राज्य मंत्री और मानव संसाधन राज्य मंत्री के पदों पर कार्य किया। लेकिन अब पार्टी उन्हें संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलने की अनुमति नहीं देती है।
यह मामला थरूर को परेशान कर रहा है। उन्हें लगता है कि पार्टी जानबूझकर उन्हें हाशिए पर धकेल रही है। लेकिन थरूर को इसका कारण नहीं पता।
नेतागिरी थरूर से क्यों नाराज है? माना जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व थरूर की विरोधियों की प्रशंसा करने की प्रवृत्ति से नाराज है । हाल ही में थरूर ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर राजनीति के मुख्य विरोधियों की प्रशंसा की थी। थरूर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा की उपलब्धियों की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह तथ्य कि वाशिंगटन ने भारत को आमंत्रित किया, एक बड़ी बात है और यह एक अच्छा संकेत है।