दिल्ली पुलिस ने एक हत्या की जांच के दौरान बांग्लादेशियों को अवैध रूप से भारत में बसाने वाले बड़े रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 5 बांग्लादेशी नागरिक और 6 फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह के सदस्य शामिल हैं। इस मामले ने राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के नेटवर्क को उजागर किया है।
हत्या की जांच से खुलासा
यह रैकेट नवंबर 2024 में हुए शिंटू शेख हत्याकांड की जांच के दौरान सामने आया।
- मृतक शिंटू शेख:
शिंटू, संगम विहार में रह रहा था और बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से भारत लाने में मदद करता था। - हत्या का कारण:
शिंटू को बांग्लादेशी नागरिकों ने पैसे को लेकर हुए विवाद के चलते मार डाला।
अवैध घुसपैठ का नेटवर्क
पुलिस की जांच में सामने आया कि यह गिरोह बांग्लादेश से भारत में अवैध घुसपैठ कराने के लिए जंगल के रास्तों और स्थानीय परिवहन का इस्तेमाल करता था।
- बांग्लादेश से भारत का रास्ता:
- घुसपैठ जंगलों के जरिए होती थी।
- भारत में प्रवेश के बाद बाइक और ट्रेनों से उन्हें दिल्ली लाया जाता था।
- दिल्ली में ठिकाना:
- संगम विहार और रोहिणी जैसे इलाकों में ये लोग नकली पहचान पत्रों के सहारे बस जाते थे।
- फर्जी आधार कार्ड, सिम कार्ड, और अन्य दस्तावेज बनाकर स्थायी ठिकाना बना लेते थे।
कैसे चलता था फर्जी दस्तावेजों का रैकेट
- फर्जी वेबसाइट से जन्म प्रमाणपत्र:
आरोपियों ने फर्जी वेबसाइटें बनाकर जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, और अन्य दस्तावेज बनाए।- वेबसाइट: जनताप्रिंट्स.साइट
- पूनम ऑनलाइन कंप्यूटर सेंटर:
- रोहिणी सेक्टर-5 स्थित यह केंद्र फर्जी आधार कार्ड बनाने का गढ़ था।
- इसका संचालक साहिल सहगल गिरफ्तार।
- सहयोगी रंजीत और अफरोज:
- रंजीत ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए।
- अफरोज ने कर्नाटक बैंक में अधिकृत आधार ऑपरेटर के रूप में इन्हें वैध बनाया।
रैकेट के ऑपरेटर्स और उनकी भूमिकाएं
नाम | भूमिका |
---|---|
साहिल सहगल | फर्जी आधार कार्ड बनाना। |
रंजीत | फर्जी प्रमाणपत्रों का निर्माण। |
अफरोज | आधार कार्ड वैध बनाना। |
सद्दाम हुसैन | फर्जी दस्तावेजों के लिए वित्तीय लेन-देन। |
दीपक मिश्रा उर्फ रजत | फर्जी वेबसाइट का संचालन। |
सोनू कुमार | वेबसाइट डिजाइन और साइबर कैफे संचालन। |
शिंटू शेख के घर से बरामद दस्तावेज
- 21 फर्जी आधार कार्ड
- 4 वोटर आईडी कार्ड
- 8 पैन कार्ड
- बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी दस्तावेज
बांग्लादेश से भारत तक अवैध घुसपैठ का तरीका
- पहला चरण:
- घुसपैठ जंगलों के रास्ते से होती थी।
- बाइक और ट्रेनों का इस्तेमाल कर दिल्ली पहुंचाया जाता था।
- दूसरा चरण:
- नकली दस्तावेजों के जरिए पहचान बनाई जाती थी।
- अस्थायी सिम कार्ड और नकद पैसे उपलब्ध कराए जाते थे।
- तीसरा चरण:
- दिल्ली में फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार किए जाते थे।
शिंटू शेख हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी
नाम | उम्र | स्थायी पता (बांग्लादेश) | वर्तमान ठिकाना (दिल्ली) |
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मिदुल मियां | 26 | पश्चिमपुरा, हसनाबाद, ढाका | संगम विहार, दिल्ली |
फरदीन अहमद | 24 | अजीम मार्केट, ढाका | संगम विहार, दिल्ली |
दो महिलाएं | 20 और 24 | अजीम मार्केट, ढाका | संगम विहार, दिल्ली |
पुलिस की जांच के मुख्य बिंदु
- फर्जी दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया।
- अवैध घुसपैठ के रूट और नेटवर्क।
- बरामद दस्तावेजों और उनकी वैधता की जांच।