आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि आपराधिक छवि वाले लोगों के चुनाव से लोकतांत्रिक व्यवस्था को खतरा हो सकता है. रंगदारी और अपहरण मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को जमानत देते हुए हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी की.
जस्टिस संजय कुमार ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह की सजा निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी. हाई कोर्ट ने कहा, ‘आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग चुनावी प्रक्रिया को प्रदूषित करते हैं क्योंकि उन्हें चुनाव जीतने के लिए अपराध करने से कोई परहेज नहीं होता है. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है।’
हाई कोर्ट ने कहा कि गवाहों के वापस आने के बाद अपीलकर्ता धनंजय सिंह को 28 मामलों में बरी कर दिया गया. उनके खिलाफ अभी भी 10 मामले लंबित हैं. मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि निचली अदालत के फैसले के खिलाफ निषेधाज्ञा क्यों दी जानी चाहिए।
हाई कोर्ट ने कहा, ‘जब ऐसे अपराधी नेताओं का भेष धारण कर पूरी व्यवस्था का मजाक उड़ाते हैं तो लोकतंत्र का भविष्य खतरे में पड़ जाता है. राजनीति का अपराधीकरण बहुत खतरनाक बात है. यह भ्रष्टाचार को बढ़ाने के साथ-साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करता है।