दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-4 और चरण-3 को हटाने का आदेश दिया। इस फैसले से कई रुके हुए कार्यों को फिर से शुरू करने की अनुमति मिल गई है। हालांकि, GRAP के चरण-2 और चरण-1 अभी भी लागू रहेंगे।
GRAP-4 और GRAP-3 हटाने का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को GRAP-4 के प्रावधानों को हटाने की अनुमति दी। कोर्ट ने यह निर्णय दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार को ध्यान में रखते हुए लिया।
- क्या कहा कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि GRAP-2 से नीचे जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हालांकि, GRAP-3 के तहत कुछ अतिरिक्त उपायों को शामिल करने की छूट आयोग को दी गई है। - GRAP-4 कब लागू होगा?
यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के ऊपर चला जाता है, तो GRAP-4 को तुरंत लागू करना होगा।
दिल्ली की हवा में सुधार, लेकिन निगरानी जरूरी
पिछले दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर की एयर क्वालिटी में सुधार देखने को मिला है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने की बात कही है। कोर्ट ने आदेश दिया कि यदि AQI 350 से ऊपर जाता है, तो GRAP-3 तुरंत लागू करना होगा।
GRAP-4 हटने से क्या बदलेगा?
GRAP-4 और GRAP-3 के हटने से दिल्ली-एनसीआर में कई गतिविधियां फिर से शुरू होंगी। GRAP-4 लागू रहने के दौरान कई प्रतिबंध थे, जिनमें निम्न शामिल हैं:
- निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर रोक: अब कई सेक्टरों में निर्माण कार्य फिर से शुरू होगा।
- डिजल जनरेटरों का प्रतिबंध: GRAP-3 और 4 हटने से बिजली उत्पादन के अन्य विकल्प फिर से सक्रिय होंगे।
- वाहनों पर पाबंदियां: व्यावसायिक और निजी वाहनों पर लगी सीमाएं अब कम हो जाएंगी।
क्या है और इसके चरण क्या करते हैं?
GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक चरणबद्ध योजना है, जो वायु गुणवत्ता के आधार पर लागू की जाती है।
- GRAP चरण-1: AQI 200 से ऊपर होने पर लागू।
- GRAP चरण-2: AQI 300 के ऊपर।
- GRAP चरण-3: AQI 400 के करीब।
- GRAP चरण-4: AQI 400 से ऊपर, जब स्थिति गंभीर हो।
आगे की योजना क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि प्रदूषण की स्थिति का नियमित विश्लेषण जरूरी है।
- आयोग को सख्त निर्देश:
यदि वायु गुणवत्ता खराब होती है, तो GRAP-3 और GRAP-4 को तुरंत लागू करना होगा। - लंबी अवधि के उपाय:
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और एजेंसियों को दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान देने की सलाह दी है ताकि वायु प्रदूषण की स्थिति में स्थायी सुधार हो सके।