दिल्ली में दम घुट रहा है! प्रदूषण बढ़ने से अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या 40% तक बढ़ गई

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दिल्ली की हवा प्रदूषित होने से अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या में 30-40% तक का इज़ाफा हुआ है। खास तौर पर बच्चे और बुजुर्ग इस प्रदूषण का सबसे बड़ा शिकार बन रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत, खांसी और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। बुधवार को शहर का AQI 367 दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। ठंड के मौसम में PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषण कण हवा में लंबे समय तक बने रहते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कतें और बढ़ जाती हैं।

विशेषज्ञों का क्या कहना है?

गुरुग्राम के पारस हेल्थ हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अरुणेश कुमार ने बताया कि हम सांस संबंधी मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देख रहे हैं। हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषक मौजूद हैं और यही दिल्ली की जहरीली हवा का मुख्य कारण हैं। वहीं, दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की डॉ. अंशिता मिश्रा ने बताया कि प्रदूषण के कारण आंखों में जलन और सूखी खांसी की शिकायत आम हो गई है। दिवाली के बाद ये शिकायतें और बढ़ने की संभावना है। डॉक्टरों ने बच्चों और बुजुर्गों को खास एहतियात बरतने की सलाह दी है क्योंकि इस प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित वे ही हो रहे हैं।

सुरक्षा के लिए क्या करें? 

बचाव के लिए डॉक्टरों ने N95 मास्क पहनने की सलाह दी है, जो छोटे प्रदूषक कणों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा लोगों को बाहर निकलने और खुले में व्यायाम करने से बचने की सलाह दी गई है। खास तौर पर सुबह के समय जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। इसके साथ ही विशेषज्ञों ने घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने, पर्याप्त पानी पीने और पौष्टिक आहार लेने की भी सलाह दी है ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे और प्रदूषण के प्रभावों से लड़ने में मदद मिले।