नई दिल्ली, 08 मई (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली में डेयरियों में पशुओं की दयनीय हालत पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव को फटकार लगाई है। दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली के मुख्य सचिव ने कहा कि भलस्वा और गाजीपुर लैंडफिल साइट को डेढ़ साल में पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। भलस्वा डेयरी 65 एकड़ और गाजीपुर डेयरी 205 एकड़ इलाके में हैं, इसलिए इन्हें शिफ्ट करना काफी मुश्किल काम है।
दरअसल, सुनयना सिब्बल, अशर जेसुदौस और अक्षिता कुकरेजा ने दायर याचिका में कहा है कि लैंडफिल साइट के पास बनी डेयरियां कानून का खुला उल्लंघन कर रही हैं। इन डेयरियों में पशुओं के साथ क्रूरता बरती जाती है। यहां जानवरों की अधिकता इतनी ज्यादा है कि कई बार जानवर मल पर ही लेटे रहते हैं, जिससे मच्छर पैदा होते हैं। याचिका में कहा गया है कि इन लैंडफिल साइट पर पशु खतरनाक कचरा खा लेते हैं। इन पशुओं का दूध पीने के बाद स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
इसके पहले हाई कोर्ट ने 3 मई को सुनवाई करते हुए इन डेयरियों को दिल्ली के नगर निगम के इलाकों से बाहर शिफ्ट करने का आदेश दिया था लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर गौरी पुरी ने कोर्ट को बताया कि इन डेयरियों में पशुओं को ऑक्सीटोसिन की खुराक धड़ल्ले से दी जाती है, ताकि दूध ज्यादा निकाला जा सके। कोर्ट ने साफ किया कि लैंडफिल साइट के पास बने डेयरियों के पशु निश्चित तौर पर खतरनाक कचरा खाएंगे और वे आम लोगों खासकर बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित होंगे। इसलिए इन डेयरियों के शिफ्ट कराने की जरूरत है।