प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार का बड़ा कदम, 50 फीसदी कर्मचारी घर से करेंगे काम

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नई दिल्ली, 20 नवंबर (हि.स.)। राजधानी में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसकी जानकारी साझा करते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों को बताया कि प्रदूषण कम करने के लिए ग्रैप-4 के प्रावधानों के तहत सरकार ने कई कदम उठाये हैं। उसी क्रम में बुधवार को दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि अब 50 फीसदी कर्मचारी फिलहाल घर से काम करेंगे।

गोपाल राय ने बताया कि अब दिल्ली सरकार के कार्यालय 50 प्रतिशत कर्मचारी क्षमता से खुलेंगे जबकि 50 प्रतिशत कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेगें। आवश्यक सेवाओं वाले 18 विभागों में वर्क फ्रॉम होम लागू नहीं होगा। इसके इम्प्लीमेंटेशन के लिए पर्यावरण विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग और औद्योगिक संघ फिक्की , एसोचैम और सीआईआई के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली सचिवालय में हुई। उन्होंने बताया कि प्राइवेट संस्थानों के लिए भी 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम करने के लिए निर्देश जारी किया जा रहा है। प्राइवेट संस्थान अपना कार्यालय खोलने का समय 10.30 बजे या 11 बजे रखेंगे। साथ ही अधिक स्टॉफ संख्या वाली प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए शटल बस सेवा शुरू करें तो अच्छा रहेगा। इसके लिए भी एडवाइजरी जारी की जा रही है। दिल्ली नगर निगम के कार्यालय सुबह 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक और दिल्ली सरकार के दफ्तर सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक खुलेंगे जबकि केंद्र सरकार के कार्यालय अपने पूर्ववत समय के अनुसार ही खुलेंगे।

पर्यवरण मंत्री ने कहा कि पूरे उत्तर भारत में बदलते मौसम में प्रदूषण का प्रभाव मारक होता जा रहा है। पूरा उत्तर भारत गंभीर प्रदूषण की चपेट में है। दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए कई अभियान चला रही है, जैसे एंटी डस्ट अभियान, बायो डीकम्पोज़र का छिड़काव, पौधरोपण अभियान और जागरूकता अभियान आदि। पूरे दिल्ली में सड़कों पर 200 मोबाइल एंटी स्मॉग गन से पानी के छिड़काव का अभियान शुरू किया गया है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रही है। आज ग्रैप-4 के प्रावधानों को कड़ाई से लागू करने के लिए उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग कर आदेश जारी किया गया है कि ग्रैप-4 के नियमों को लागू करवाने में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीमावर्ती पड़ोसी राज्यों को भी कड़े कदम उठाने होगें, तभी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण को कम किया जा सकता है।