दिल्ली चुनाव: इंडिया गठबंधन में दरार, कांग्रेस-आप आमने-सामने

Akhilesh Kejriwal And Mamata 173

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की दरार खुलकर सामने आ रही है। आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रही हैं। कांग्रेस मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ‘शीशमहल’ जैसे मुद्दों को लेकर हमला कर रही है, तो वहीं आप का आरोप है कि कांग्रेस और बीजेपी मिलकर पर्दे के पीछे से उसे हराने की साजिश कर रहे हैं।

लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस ने गठबंधन किया था, लेकिन दोनों ने स्पष्ट कर दिया था कि यह साझेदारी सिर्फ राष्ट्रीय स्तर तक सीमित रहेगी। अब, दिल्ली विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन के अन्य घटक दल दिल्ली चुनाव पर नजर बनाए हुए हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कांग्रेस के बजाय आप को समर्थन देने का ऐलान किया है। इससे गठबंधन के भीतर की रणनीति और उद्देश्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

ममता और अखिलेश का समर्थन केजरीवाल के साथ

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की। अरविंद केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर आभार जताते हुए लिखा, “टीएमसी ने दिल्ली चुनाव में आप को समर्थन दिया है। मैं व्यक्तिगत रूप से ममता दीदी का आभारी हूं। आपने हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में साथ दिया है।”

इससे पहले, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी आप को समर्थन दिया था। हाल ही में अखिलेश यादव ने महिलाओं के समर्थन में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल के साथ मंच साझा किया। समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए केजरीवाल ने कहा, “बहुत-बहुत धन्यवाद अखिलेश जी। आप हमेशा हमारे साथ खड़े रहे हैं।”

ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के समर्थन से अरविंद केजरीवाल को यादव वोटबैंक और अन्य क्षेत्रीय दलों के समर्थकों का फायदा मिलने की संभावना है। दिल्ली में यादव समुदाय के मतदाताओं की बड़ी संख्या है, जिससे आप को मजबूत बढ़त मिलने की उम्मीद है।

इंडिया गठबंधन पर सवाल

सपा और टीएमसी जैसे घटक दलों द्वारा कांग्रेस की बजाय आप को समर्थन देने से गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह स्थिति संकेत देती है कि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन की एकता का विधानसभा चुनावों में कोई ठोस असर नहीं पड़ रहा है।

नतीजों पर नजर

दिल्ली चुनाव में 70 सीटों के लिए मतदान जल्द होने वाले हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा, आप और कांग्रेस के बीच है। ममता बनर्जी और अखिलेश यादव का समर्थन अरविंद केजरीवाल के पक्ष में माहौल बना सकता है, लेकिन इसका वास्तविक असर चुनाव नतीजों में ही दिखेगा।