Delhi Blast: लाल किले के पास चलती कार बनी आग का गोला, मास्टरमाइंड निकला डॉक्टर, पढ़ें साजिश की पूरी कहानी

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News India Live, Digital Desk: सोमवार की शाम दिल्ली की रफ्तार पर उस वक्त दहशत का ब्रेक लग गया, जब लाल किले के पास गाड़ियों से खचाखच भरी सड़क पर एक चलती कार अचानक आग के गोले में तब्दील हो गई. यह कोई आम हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी आतंकी साजिश थी, जिसे सरकार ने एक "घिनौनी आतंकी घटना" करार दिया है. इस दर्दनाक हमले में कम से कम 12 लोगों की जान चली गई और 20 से ज़्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपने हाथों में ले ली है, और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, एक पढ़े-लिखे डॉक्टरों वाले "व्हाइट-कॉलर" आतंकी मॉड्यूल की खौफनाक साजिश दुनिया के सामने आ रही है.

बीच सड़क पर क़यामत का वो मंज़र

सोमवार शाम करीब 7 बजे, जब लाल किले के पास नेताजी सुभाष मार्ग पर ट्रैफिक अपनी धीमी गति से आगे बढ़ रहा था, तभी एक सफेद रंग की Hyundai i20 कार में एक शक्तिशाली विस्फोट हो गया. धमाका इतना ज़बरदस्त था कि कार के परखच्चे उड़ गए और आग की लपटों ने आसपास चल रही कई गाड़ियों, ऑटो-रिक्शा और ई-रिक्शा को भी अपनी चपेट में ले लिया. चारों तरफ तबाही का मंज़र था और घायलों की चीख-पुकार ने पूरे इलाके को दहला दिया था.

हमले का मास्टरमाइंड: हीलर या किलर?

फोरेंसिक जांच और डीएनए टेस्ट के बाद जो खुलासा हुआ, उसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. इस आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाला शख्स कोई और नहीं, बल्कि पुलवामा का रहने वाला एक डॉक्टर, उमर उन नबी था. कभी होनहार छात्र माना जाने वाला उमर फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर था. जांच एजेंसियों को कार से मिले मानव अवशेषों का डीएनए सैंपल उमर की मां के डीएनए से मैच हो गया, जिससे यह साफ़ हो गया कि धमाके के वक्त कार में वही मौजूद था.

पढ़े-लिखे आतंकियों का 'फरीदाबाद मॉड्यूल'

यह हमला किसी एक सिरफिरे का काम नहीं, बल्कि इसके पीछे पढ़े-लिखे पेशेवरों का एक पूरा आतंकी नेटवर्क काम कर रहा था. जांच एजेंसियां इसे "फरीदाबाद मॉड्यूल" का नाम दे रही हैं. इस मॉड्यूल में उमर जैसे कई और डॉक्टर शामिल थे जो ऑनलाइन कट्टरपंथ का शिकार हुए और टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड चैनलों के जरिए एक-दूसरे से जुड़े हुए थे. इस मॉड्यूल के तार जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद (AGuH) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े हैं.

गिरफ्तारी के डर से किया हमला

दिल्ली धमाके से कुछ ही घंटे पहले, सुरक्षा एजेंसियों ने फरीदाबाद में इसी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार किया था और करीब 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और हथियार बरामद किए थे. खुफिया सूत्रों का मानना ​​है कि अपने साथियों की गिरफ्तारी से उमर घबरा गया और उसे लगा कि अब वह भी पकड़ा जाएगा. इसी डर से उसने हड़बड़ी में इस फिदायीन हमले को अंजाम दे दिया.

सरकार पीड़ितों के साथ, जांच जारी

इस आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठकें की हैं और एजेंसियों को हर दोषी को पकड़ने के सख्त निर्देश दिए हैं. प्रधानमंत्री ने अस्पताल जाकर कुछ घायलों से मुलाकात भी की. दिल्ली सरकार ने भी पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये, स्थायी रूप से अपाहिज हुए लोगों को 5 लाख और गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. एनआईए की जांच तेजी से चल रही है और इस नेटवर्क से जुड़े हर शख्स की तलाश की जा रही है ताकि भविष्य में देश को ऐसे जख्मों से बचाया जा सके.

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