दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार देर रात अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की, जिसमें 26 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस सूची में पूर्व मंत्री, हाल ही में पार्टी में शामिल हुए नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को टिकट दिया गया है।
मटिया महल और बिजवासन सीट पर विशेष ध्यान
कांग्रेस ने मटिया महल से दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री असीम अहमद खान को मैदान में उतारा है। असीम अहमद खान ने हाल ही में आम आदमी पार्टी (AAP) छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है और एक दिन पहले ही पार्टी में शामिल हुए थे। बिजवासन सीट पर पूर्व विधायक देवेंद्र सहरावत को टिकट दिया गया है, जो AAP छोड़कर कांग्रेस में आए थे।
जंगपुरा और सीमापुरी पर बड़े नाम
जंगपुरा से कांग्रेस ने दिल्ली नगर निगम के पूर्व महापौर फरहाद सूरी को टिकट दिया है। वह पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। वहीं, सीमापुरी सीट पर दलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया को उम्मीदवार बनाया गया है।
अन्य प्रमुख उम्मीदवार और उनके क्षेत्र
कांग्रेस ने विभिन्न क्षेत्रों से अनुभवी और नए चेहरों को मौका दिया है। दूसरी सूची के अन्य प्रमुख उम्मीदवार हैं:
- रिठाला: सुशांत मिश्रा
- मंगोलपुरी: हनुमान चौहान
- शकूरबस्ती: सतीश लूथरा
- त्रिनगर: सतेंद्र शर्मा
- मोतीनगर: राजेंद्र नामधारी
- मादीपुर: जेपी पंवार
- राजौरी गार्डन: धरमपाल चंदेला
- उत्तम नगर: मुकेश शर्मा
- मटियाला: रघुविंदर शौकीन
- दिल्ली कैंट: प्रदीप कुमार उपमन्यु
- राजिंदर नगर: विनीत यादव
- मालवीय नगर: जितेंद्र कुमार कोचर
- बाबरपुर: हाजी मोहम्मद इशराक खान
- लक्ष्मी नगर: सुमित शर्मा
- करावल नगर: पीके मिश्रा
पहली सूची के प्रमुख नाम
कांग्रेस ने इससे पहले 12 दिसंबर को अपनी पहली सूची जारी की थी, जिसमें 21 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए थे। इसमें सबसे चर्चित नाम पूर्व सांसद संदीप दीक्षित का था, जिन्हें नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। संदीप दीक्षित इस सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती देंगे।
अब तक 47 उम्मीदवारों के नाम घोषित
कांग्रेस ने अब तक कुल 70 विधानसभा सीटों में से 47 पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। शेष सीटों पर प्रत्याशियों के नाम जल्द घोषित किए जाएंगे। पार्टी ने इस बार अनुभवी नेताओं और युवा चेहरों के बीच संतुलन बनाते हुए उम्मीदवारों का चयन किया है।
चुनाव में कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस इस बार दिल्ली में अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाने की कोशिश कर रही है। प्रमुख चेहरों को मैदान में उतारकर पार्टी ने AAP और बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की रणनीति बनाई है। पार्टी के अनुसार, उनके उम्मीदवार जनता के मुद्दों को बेहतर तरीके से समझते हैं और उनका समाधान कर सकते हैं।