दिल्ली विधानसभा चुनाव: भाजपा ने पटपड़गंज से रविंद्र सिंह नेगी को टिकट दिया, अवध ओझा से होगी टक्कर

Ravindra Negi Vs Awadh Ojha In P

दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने अपनी 29 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। पटपड़गंज सीट से भाजपा ने रविंद्र सिंह नेगी को मैदान में उतारा है। नेगी का मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार अवध ओझा से होगा।

पटपड़गंज में भाजपा की रणनीति: नेगी पर दोबारा भरोसा

2020 के चुनावों में रविंद्र सिंह नेगी ने इसी सीट से मनीष सिसोदिया को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि, मामूली अंतर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

  • 2020 में प्रदर्शन:
    • रविंद्र सिंह नेगी: 66,956 वोट।
    • मनीष सिसोदिया: 70,163 वोट।
    • हार का अंतर: 3,207 वोट।
      नेगी ने सिसोदिया के खिलाफ दमदार प्रदर्शन किया था, जिस कारण भाजपा ने इस बार भी उन पर भरोसा जताया है।

आम आदमी पार्टी की रणनीति: अवध ओझा को मौका

आम आदमी पार्टी ने पटपड़गंज सीट से यूट्यूबर और शिक्षक अवध ओझा को टिकट दिया है।

  • नई उम्मीद: मनीष सिसोदिया की तीन बार की जीत के बाद अब AAP ने नए चेहरे पर दांव लगाया है।
  • अवध ओझा हाल ही में AAP में शामिल हुए हैं, और उन्हें एक प्रभावी वक्ता और जमीनी स्तर पर लोकप्रिय चेहरा माना जा रहा है।

पटपड़गंज सीट: चुनावी इतिहास और मुकाबला

पटपड़गंज सीट पर आम आदमी पार्टी की पकड़ मजबूत रही है। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया यहां से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं।

  • 2020 में: सिसोदिया ने भाजपा के रविंद्र सिंह नेगी को कड़ी टक्कर के बाद हराया था।
  • 2025 में: अब सिसोदिया के न होने से यह सीट AAP के लिए चुनौतीपूर्ण हो गई है।

2020 के आंकड़े: करीबी मुकाबले का सबूत

  • भाजपा ने रविंद्र सिंह नेगी को 2020 में भी पटपड़गंज से टिकट दिया था।
  • महज 3,207 वोटों के अंतर से हार दिखाता है कि भाजपा ने मजबूत विपक्ष का प्रदर्शन किया था।

अवध ओझा: नया चेहरा, नई चुनौती

  • यूट्यूबर और शिक्षक अवध ओझा को AAP ने पटपड़गंज से टिकट देकर यह संकेत दिया है कि वे नए चेहरे के जरिए युवा और शिक्षित वर्ग को साधने की कोशिश कर रहे हैं।
  • ओझा को हाल ही में पार्टी में शामिल किया गया था, और उनका चयन AAP की रणनीति में बदलाव का संकेत है।

क्या पटपड़गंज भाजपा के लिए बन सकती है गेमचेंजर?

भाजपा इस बार पटपड़गंज सीट को लेकर आश्वस्त दिख रही है।

  • नेगी की मजबूत पकड़: पिछली बार का प्रदर्शन दिखाता है कि नेगी का प्रभाव इस सीट पर काफी है।
  • AAP के लिए चुनौती: सिसोदिया की अनुपस्थिति और नया चेहरा पार्टी के लिए दबाव बढ़ा सकता है।