कोडरमा, 3 जून (हि. स.)। कोडरमा का सांसद कौन होगा, इसका फैसला मंगलवार को होगा। कोडरमा में भाजपा की अन्नपूर्णा देवी और इंडी गठबंधन की ओर द₹से भाकपा माले के विनोद सिंह के बीच मुख्य मुकाबला है। हालांकि निर्दलीय जयप्रकाश वर्मा, अजय कृष्ण और मनोज कुमार भी चुनावी मुकाबले और परिणाम को प्रभावित करेंगे, पर कितना प्रभाव पड़ेगा, यह भी देखना दिलचस्प होगा।
कोडरमा से 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, जिनमें चुनाव प्रचार के दौरान आधा दर्जन उम्मीदवार ही लोगों तक पहुंचते दिखे। यह सीट इसलिए भी चर्चित है क्योंकि भाजपा ने जहां सांसद और केंद्रीय शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी को फिर चुनाव मैदान में उतारा तो वहीं गठबंधन से माले के विनोद सिंह ने पलायन, बेरोजगारी को मुद्दा बनाया। इधर जहां निर्वाचन कार्यालय मतगणना की तैयारी में मशगूल है, वहीं दोनों प्रत्याशियों के समर्थक और कार्यकर्ता गणना की तैयारी तो वहीं परिणाम के आकलन में जुटे हैं।
सोमवार को भाजपा और इंडी गठबंधन की अलग अलग हुई बैठक में मतगणना को लेकर जानकारी और टेबल नहीं छोड़ने के सुझाव दिए गए। लेकर भी खास एहतियात बरते जा रहे हैं। गांडेय में हुए उप चुनाव और कोडरमा संसदीय क्षेत्र की गिनती के लिए 12 सौ से अधिक मतगणना कर्मियों को लगाया जा रहा है। मतगणना सुबह सात बजे से शुरू होगी। जानकारी के अनुसार गांडेय उप चुनाव की मतगणना कुल 21 रांउड में पूरा किया जाना है और लोगों को रांउडवार जानकारी दी जाएगी। कोडरमा चुनाव की मतगणना अधिकतम 24 रांउड में होगी और न्यूनतम 23 रांउड में। इसमें बरकट्ठा और बगोदर विधानसभा क्षेत्र का 24 रांउड में मतगणना होना है। इसके लिए बरकट्ठा और बगोदर में 20-20 टेबल होंगे जबकि कोडरमा में 18 टेबल, धनवार में 18 टेबल, जमुआ और गांडेय में भी 18-18 टेबल लगाएं जायेंगे। पोस्टल बैलेट की गणना अंतिम में होगी। पोस्टल बैलेट के लिए दो हॉल बनाए गए है। एक हॉल में 18 टेबल तो दूसरे में 12 टेबल होंगे। इस बार कोडरमा में कड़े संघर्ष को देखते हुए अबतक किसी भी पार्टी की ओर से मिठाई के ऑर्डर नहीं दिए गए हैं।
कल्पना सोरेन जीतीं तो राजनीति में दिखेगा बदलाव
लोकसभा चुनाव के मतगणना के साथ ही गांडेय विधानसभा उपचुनाव की भी मतगणना चार जून को गिरिडीह के पचंबा स्थित बाजार समिति में होगी। तमाम एग्जिट पोल के अनुसार विधानसभा उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रत्याशी कल्पना सोरेन के जीतने की संभावना है। कल्पना सोरेन की सीधा टक्कर भाजपा प्रत्याशी दिलीप वर्मा से रही है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर कल्पना सोरेन यहां से जीतती है तो उन्हें झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसका संकेत भी पार्टी के वरीय नेताओं ने दे दिया है। हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन ने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की और हेमंत सोरेन के जेल में रहते हुए पार्टी की कमान भी संभाली। पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर प्रचार प्रसार किया और उनके बोलने के अंदाज ने लोगों को खासा प्रभावित किया। वहीं कल्पना सोरेन को लेकर खास कर आदिवासी समाज में उत्साह भी देखा गया है। पूरी संभावना है कि कल्पना सोरेन जीतती हैं तो चंपई सोरेन को हटाकर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और आने वाले विधानसभा चुनाव में झामुमो की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा भी कल्पना सोरेन ही होंगी।