पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन: उनकी सादगी और मारुति 800 से जुड़ी अनसुनी बातें

Dr Manmohan Singh Maruti 800 173

देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। 92 वर्ष की आयु में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन पर पूरे देश से भावपूर्ण श्रद्धांजलि व्यक्त की जा रही है। योगी सरकार के मंत्री और पूर्व पुलिस अधिकारी असीम अरुण ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके साथ बिताए पलों का एक किस्सा साझा किया।

असीम अरुण का मार्मिक पोस्ट

असीम अरुण, जो एक समय में एसपीजी सुरक्षा अधिकारी के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह के क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम (CPT) का नेतृत्व करते थे, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उनकी सादगी की मिसाल पेश की।

पोस्ट में साझा की यादें:

असीम अरुण ने लिखा:

“मैंने 2004 से करीब तीन साल तक डॉ. मनमोहन सिंह का बॉडीगार्ड रहने का सौभाग्य प्राप्त किया। बतौर AIG CPT, प्रधानमंत्री के साथ हर समय रहना मेरी ज़िम्मेदारी थी। उनके साथ उनकी ‘परछाई’ की तरह रहना था।

“उनकी खुद की एक मारुति 800 थी, जो प्रधानमंत्री आवास में खड़ी बीएमडब्ल्यू कारों के पीछे चमकती रहती थी। वे अक्सर कहते थे, ‘असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद है। मेरी गाड़ी तो यही है।’ मैं उन्हें समझाता कि सुरक्षा कारणों से बीएमडब्ल्यू का इस्तेमाल ज़रूरी है, लेकिन वे मारुति को देखकर भावुक हो जाते थे। मानो खुद को यह याद दिलाते हों कि वे एक साधारण मध्यम वर्गीय व्यक्ति हैं और आम आदमी की समस्याओं को समझना उनका कर्तव्य है।”

1996 मॉडल की मारुति 800: सादगी का प्रतीक

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉ. मनमोहन सिंह के पास 1996 मॉडल की मारुति 800 थी। यह कार उनकी संपत्ति की सूची में दर्ज थी और उनकी सादगी और विचारशीलता का प्रतीक थी।

मारुति 800: एक आइकॉनिक कार

  • इंजन: 796cc पेट्रोल इंजन, जो LPG सपोर्ट करता था।
  • माइलेज: 14-16.1 किमी/लीटर।
  • लॉन्च: भारत में पहली बार 14 दिसंबर 1983 को।
  • शुरुआती कीमत: ₹48,000 (ऑन-रोड ₹52,500)।
  • डिज़ाइन: लंबाई 3335mm, चौड़ाई 1440mm, व्हीलबेस 2175mm।

यह कार भारत की पहली फ्रंट-व्हील ड्राइव वाहन थी और भारतीय बाजार में एक क्रांतिकारी उत्पाद साबित हुई।

मारुति 800: रोचक तथ्य और इतिहास

  1. सुजुकी और मारुति का सहयोग:
    मारुति 800 जापान की सुजुकी कंपनी और भारत सरकार के सहयोग का परिणाम थी।
  2. नेहरू युग की सोच:
    1959 में नेहरू मंत्रिमंडल के मंत्री मनुभाई शाह ने एक सस्ती और छोटी कार का विचार रखा, जिसे 1983 में साकार किया गया।
  3. पहली कार की डिलीवरी:
    पहली मारुति 800 की डिलीवरी दिल्ली के हरपाल सिंह को दी गई, जो एक लॉटरी ड्रा से चुने गए थे। उन्हें यह कार तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने सौंपी थी।
  4. आइकॉनिक स्पीड:
    मारुति 800 की टॉप स्पीड 144 किमी/घंटा थी।
  5. सेलिब्रिटीज का लगाव:
    • सचिन तेंदुलकर और शाहरुख खान की पहली कार मारुति 800 थी।
  6. पाकिस्तान में लोकप्रियता:
    इसे पाकिस्तान में सुजुकी मेहरान के नाम से बेचा गया और यह वहां की सबसे ज्यादा चोरी की जाने वाली कार बनी।
  7. उत्पादन का अंत:
    2014 में मारुति 800 का उत्पादन बंद कर दिया गया, लेकिन यह आज भी भारतीय ऑटोमोबाइल इतिहास में एक मील का पत्थर है।

डॉ. मनमोहन सिंह और उनकी मारुति 800: सादगी की मिसाल

डॉ. मनमोहन सिंह के पास मारुति 800 केवल एक कार नहीं थी; यह उनकी सादगी और मिडिल क्लास से जुड़े उनके जड़ों का प्रतीक थी। प्रधानमंत्री रहते हुए भी, उन्होंने अपने व्यक्तिगत मूल्यों को कभी नहीं भुलाया और आम आदमी के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को हमेशा याद रखा।

उनके निधन के साथ, देश ने न केवल एक कुशल नेता खो दिया, बल्कि सादगी और नैतिकता की एक जिंदा मिसाल भी। उनकी स्मृतियां और उनके द्वारा सिखाई गईं जीवन की सीख हमेशा हमारे दिलों में बनी रहेंगी।