सिम्स को दुरुस्त रखने डीन की जिम्मेदारी सुनिश्चित, अब कलेक्टर नहीं करेंगे दौरा : काेर्ट

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बिलासपुर , 4 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर में स्वास्थ्य को लेकर फैली अवस्थाओं पर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका पर लगातार सुनवाई चल रही है। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश अमितेंद्र किशोर प्रसाद की युगलपीठ में सुनवाई के दौरान पिछले 15 नवंबर 2024 को दिए अपने आदेश के परिपालन के बारे में बुधवार काे जानकारी ली।

प्रतिवादी राज्य की ओर से उपस्थित अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि सिम्स अस्पताल बिलासपुर में इसके समुचित संचालन और यहां आने वाले मरीजों को सभी चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक नई टीम गठित की गई है। यह बताया गया है कि सोनोग्राफी मशीन, सिटी स्कैन आदि के संबंध में जो समाचार प्रकाशित हुआ था, वह हलफनामे के पैराग्राफ 5 और 6 में किए गए कथनों से स्पष्ट किया, जिसमें कोर्ट ने संतुष्टि जताते हुए कहा कि प्रगति पर है। इसके मद्देनजर, हम निर्देश देते हैं कि जिला मजिस्ट्रेट, बिलासपुर को सिम्स का दौरा नहीं करना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो इस न्यायालय द्वारा निर्देश दिए जाने तक स्थिति का और अधिक आकलन किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा बिलासपुर में गठित नई टीम को इसका ध्यान रखना होगा और डीन, छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान, बिलासपुर में आने वाले मरीजों को सभी बुनियादी सुविधाएं और परीक्षण प्रदान करके सिम्स के कामकाज के संबंध में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करना होगा। इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 10 जनवरी 2025 को फिर से सूचीबद्ध की गई है।