एनआईटी कालीकट की प्रोफेसर डॉ. ए शैजा को संस्थान का डीन नियुक्त किए जाने के बाद विवाद बढ़ गया है। महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने को लेकर पहले ही विवादों में रह चुकीं डॉ. शैजा को कांग्रेस सहित कई संगठनों ने हटाने की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
2024 में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर, डॉ. शैजा ने फेसबुक पर एक वकील कृष्णा राज की पोस्ट पर कमेंट किया था कि “गोडसे पर गर्व है क्योंकि उसने भारत को बचाया।” इस बयान के बाद उनका कमेंट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और भारी विरोध हुआ। विरोध के चलते उन्होंने जल्द ही अपना कमेंट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक स्क्रीनशॉट वायरल हो चुके थे।
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कानूनी कार्रवाई और विवाद
- डॉ. शैजा के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 के तहत कोझिकोड सिटी पुलिस में केस दर्ज किया गया था।
- विरोध बढ़ने पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक किताब ‘मैंने गांधी को क्यों मारा’ पढ़ी थी, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने यह टिप्पणी की। बाद में उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था, इसलिए उन्होंने कमेंट हटा दिया।
कांग्रेस और अन्य संगठनों का विरोध
कांग्रेस ने एनआईटी कालीकट के इस फैसले का विरोध किया है और अप्रैल में आंदोलन की चेतावनी दी है। कांग्रेस का कहना है कि ऐसी विचारधारा रखने वाली प्रोफेसर को डीन बनाना अस्वीकार्य है और यह महात्मा गांधी की विरासत का अपमान है।
डॉ. शैजा मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं और अब उन्हें डीन बनाए जाने के फैसले ने शैक्षणिक संस्थानों में विचारधारा और स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी है।