वाराणसी: कूड़ेखाने में बोरे में बंद मिली महिला की लाश मामले का खुलासा, हत्यारोपी गिरफ्तार

वाराणसी,03 जून (हि.स.)। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के पास स्थित कूड़ेखाने में बोरें में बंद मिली महिला की लाश मामले का पुलिस ने सोमवार को पर्दाफाश कर दिया। हत्यारोपी को एसीपी कैंट विदुष सक्सेना ने कैंट थाने में मीडिया के सामने पेश किया।

एसीपी ने घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि सर्विलांस और मुखबिरों के जरिए पता चला कि सुभावती (मृतका )लगभग पांच साल से सफाईकर्मी सोमनाथ उर्फ कल्लू के साथ रहती थी। सोमनाथ की पत्नी की मौत 06 साल पहले हो गई थी। सुभावती भीख मांगने का काम करती थी। भीख में मिले पैसों को सुभावती अपने बेटे हीरालाल और बहू को दे देती थी। सोमनाथ नहीं चाहता था कि वह पैसे अपने बेटे-बहू को दे। इसी को लेकर सोमनाथ का सुभावती से विवाद हो गया। सोमनाथ ने सुभावती की जमकर पिटाई कर दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद सोमनाथ ने उसके शव को कूड़े के बोरे में भर दिया और कूड़ावाली ठेलागाड़ी से ले जाकर लाश को कूड़ेखाने में फेंक आया था।

आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि बीते 31 मई की रात सुभावती से विवाद के बाद मारपीट हो गई। उसने सुभावती को काफी मारा और धकेल दिया, जिससे सुभावती को गंभीर चोटें आईं। इसके बाद उसने देखा कि सुभावती की सांस नहीं चल रही है तो अब अपराध छुपाने और खुद को बचाने की जुगत में लग गया। लाश को ठिकाने लगाने के लिए कूड़ागाड़ी ले आया। सुभावती के शव को रस्सी से कसकर कबाड़वाली बोरी में भर दिया। फिर कूड़ागाड़ी से बोरे में बंद लाश को लेकर अर्दली बाजार, महावीर मंदिर होते हुए दीनदयाल अस्पताल के पास और मानसिक चिकित्सालय के सामने कूड़ाघर के पास पहुंचा। कूड़े खाने में बोरा फेंक कर चला गया। उसने सोचा था कि कूड़ा उठानेवाली गाड़ी आएगी और सभी कूड़ों के साथ बोरे को भी गाड़ी में भरकर चली जाएगी। उसका अपराध किसी को पता नही चलेगा। एसीपी ने बताया कि सीसीटीवी के फुटेज में ट्राली पर बोरी ले जाते सोमनाथ को देखा गया। इसी आधार पर पुलिस आरोपित तक पहुंच गई।