प्राइवेट नौकरियों में बेटियों को मिलेगी प्राथमिकता, देशभर में चलाया जाएगा विशेष कार्यक्रम; AICTE ने की पहल

नई दिल्ली: इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को अब नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी अथॉरिटी एजेंसी एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी से जुड़े क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए अहम पहल की है। इसके तहत उन्होंने निजी क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों के साथ मिलकर देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ने वाली महिला छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें उन्हें निजी कंपनियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

AICTE ने Amazon समेत निजी क्षेत्र से जुड़ी कई प्रमुख निजी कंपनियों के साथ भी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दिव्यांगों को बढ़ावा देने के लिए एआईसीटीई ने कई निजी कंपनियों से भी समझौता किया है। खास बात यह है कि इस अनुबंध के तहत निजी कंपनियों को अपनी कंपनियों में रोजगार के लिए महिला छात्रों और दिव्यांगों को प्राथमिकता देनी होगी। एआईसीटीई ने यह पहल तब की है जब देशभर के इंजीनियरिंग और तकनीकी कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं की संख्या पुरुष छात्रों की तुलना में 35 फीसदी तक है, लेकिन इस क्षेत्र से जुड़ी नौकरियों में उनकी हिस्सेदारी 15 से 20 फीसदी ही है. यानी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद बड़ी संख्या में छात्राएं दूसरे क्षेत्रों का रुख कर रही हैं.

एआईसीटीई के मुताबिक, हैदराबाद स्थित यूथ फॉर जॉब्स फाउंडेशन, अमेज़ॅन, नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एन्हांस्ड लर्निंग (एनपीटीईएल), आईआईटी मद्रास, आईआईएम बैंगलोर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग रिसर्च (एनआईटीटीआर) चेन्नई के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। छात्राओं और दिव्यांगों को नौकरियों में प्राथमिकता देने के लिए जल्द ही कुछ अन्य निजी कंपनियों से अनुबंध की तैयारी की जा रही है। हाल ही में AICTE ने ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े इंजीनियरिंग और तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं को नौकरियों में प्राथमिकता देने के लिए Google, META और IBM जैसी सैकड़ों बड़ी कंपनियों के साथ एक समझौता किया है।