नाबालिग का बाल विवाह होने से डालसा ने बचाया

रांची, 20 अप्रैल (हि. स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा)रांची की टीम ने शनिवार को एक 16 वर्षीय नाबालिग का विवाह होने से बचाया। रांची जिले के नरकोपी थाना क्षेत्र के सरवा पंचायत की नाबालिग के परिजन बाल विवाह कराने जा रहे थे। 22 अप्रैल को नाबालिग की शादी थी। घर में तैयारी चल रही थी। उत्साह का माहौल था। बच्ची मांडर कस्तूरबा की छात्रा है। वह काफी दिनों से स्कूल नहीं जा रही थी। इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन ने मांडर की पीएलबी सुमन ठाकुर और पूनम देवी को दी। पीएलबी ने गांव के मुखिया प्रतिनिधि बीरेंद्र उरांव को फोन कर नाबालिग के संबंध में जानकारी मांगी। बीरेंद्र ने बताया कि नाबालिग के घर में शादी है, इसलिए वह स्कूल नहीं जा रही है। प्रोजेक्ट इंपैक्ट के तहत नाबालिग की उपस्थिति के लिए पीएलबी उसके गांव पहुंची तो पता चला कि शादी उसी की है। पीएलबी ने तुरंत इसकी जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राकेश रंजन को दी।

 

सचिव ने न्यायायुक्त दिवाकर पांडे से बात की। उनके दिशा-निर्देश पर बाल विवाह रोकने का निर्देश दिया। तुरंत बीडीओ सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी मांडर और नारकोपी थाना प्रभारी को भी इसकी जानकारी दी गई। साथ ही कस्तूरबा स्कूल प्रबंधन, नरकोपी थाना की पुलिस, ग्रामीण, मुखिया प्रतिनिधि और पीएलबी की उपस्थिति में नाबालिग के परिजनों के साथ बैठक की। बैठक में नाबालिग के परिजनों को समझाया गया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है। इसके बाद नाबालिग के परिवार वाले शादी रोकने को तैयार हो गए। नाबालिग ने भी आगे पढ़ने की इच्छा जताई। टीम ने नाबालिग को पुन: पढ़ाई के लिए कस्तूरबा स्कूल मांडर भेज दिया।