DA Hike: राज्य कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, महंगाई भत्ता 4 फीसदी बढ़ा

झारखंड कैबिनेट निर्णय: झारखंड में मंगलवार को चंपई सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. इस दौरान चंपई सोरेन की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने 30 प्रस्तावों को मंजूरी दी है. झारखंड सरकार ने राज्य कर्मचारियों को होली पर बड़ा तोहफा दिया है. कैबिनेट बैठक में राज्य कर्मचारियों की महंगाई दर 4 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया गया है.

झारखंड कैबिनेट का फैसला राज्य कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. राज्य सरकार ने उनका महंगाई भत्ता चार फीसदी बढ़ा दिया है. इससे उन्हें अब 50 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा. इससे पेंशनर्स को भी फायदा होगा. फिलहाल इन्हें 46 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा था.

राज्य मंत्रिपरिषद की मंगलवार को हुई बैठक में महंगाई भत्ता बढ़ाने समेत कुल 30 प्रस्तावों पर मुहर लगा दी गयी. बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ जनवरी 2024 से मिलेगा। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य कर्मचारियों को दिए जाने वाले परिवहन भत्ते में भी संशोधन किया गया।

लेवल वन और लेवल टू कर्मियों का परिवहन भत्ता बढ़ गया है. पहले यह 1350 रुपये प्लस डीए था, जिसे बढ़ाकर 2600 रुपये प्लस डीए कर दिया गया है. इसी तरह 900 प्लस डीए को बढ़ाकर 1800 प्लस डीए कर दिया गया है. साथ ही पंचायत सेवकों को 2500 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है. इस पर सालाना 52 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाएं पढ़ाई जाएंगी

जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा 24 जिलों के सरकारी स्कूलों का सर्वेक्षण कर जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए स्कूलों का चयन किया जायेगा. इनमें घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.

इसके लिए ब्लॉक स्तर पर चयन समिति का गठन किया जाएगा। प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रति घंटा 200 रुपये और प्रति कार्य दिवस 600 रुपये दिये जायेंगे. इसी तरह अप्रशिक्षित शिक्षकों को 120 रुपये प्रति घंटा और 360 रुपये प्रति कार्य दिवस दिया जाएगा. उनके पास एक महीने में 25 कार्य दिवस हो सकते हैं।

डीएफओ और एसीएफ को मिलेगा सेवा विस्तार

मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में वन विभाग में डीएफओ और एसीएफ के रिक्त पदों को देखते हुए सेवा विस्तार एक साल से तीन साल करने का फैसला लिया गया है. राज्य में डीएफओ के कुल 384 पद हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 62 डीएफओ ही कार्यरत हैं.

सेवा विस्तार के दौरान इंक्रीमेंट, एसीपी, एमएसीपी और प्रमोशन नहीं दिया जाएगा. इसी तरह एसीएफ पदाधिकारियों की भी कमी है. राज्य में एसीएफ के कुल पद 156 हैं, जिनमें से केवल 20 ही कार्यरत हैं. उनकी सेवा को एक साल से अधिकतम तीन साल तक बढ़ाया भी जा सकता है.

सरकारी स्कूलों में संकुल स्तर पर अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाएं होंगी।

बैठक में राज्य के सरकारी एवं गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 7 तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं झारखंड निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 के तहत मान्यता प्राप्त एवं सरकारी, गैर सरकारी सहायता प्राप्त ( अल्पसंख्यकों सहित) एवं अनुप्रयुक्त एवं सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा 8 में अध्ययनरत विद्यार्थियों के वार्षिक मूल्यांकन कार्यक्रम को मंजूरी दी गई।

इसके तहत पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों का अर्धवार्षिक और वार्षिक मौखिक मूल्यांकन उनके स्कूल में ही किया जाएगा। वहीं, कक्षा 3 से 7वीं तक की परीक्षा क्लस्टर स्तर पर होगी. आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों का वार्षिक मूल्यांकन पहले की तरह झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा किया जायेगा.