नई दिल्ली: चक्रवात दाना ने ओडिशा से लेकर पश्चिम बंगाल तक तबाही मचाई है.. तेज हवाओं के कारण कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए, कच्चे मकान जमींदोज हो गए, चक्रवात ने देर रात ओडिशा में दस्तक दी और सुबह होते ही तबाही का मंजर नजर आने लगा हर जगह दिखाई दिया.
तेज़ हवाएँ और उथल-पुथल वाला समुद्र ओडिशा में चक्रवात दाना की तबाही बता रहा है। रात के अंधेरे में ओडिशा में आए इस विनाशकारी तूफान ने हर तरफ तबाही मचा दी है. बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान ‘दाना’ गुरुवार रात 12:05 बजे 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा के तट से टकराया.. तेज हवाओं और समुद्र में उठी बड़ी लहरों ने ओडिशा को रात भर बंधक बनाकर रखा ..
चक्रवात ‘दाना’ 120 किलोमीटर की रफ्तार से आगे बढ़ा और ओडिशा के धामरा-भितरकणिका में टकराया। चक्रवात दाना का कहर जारी है, सड़कों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिरे हुए हैं… चक्रवात दाना के टकराने के बाद तबाही का मंजर सामने आया है… कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए हैं… कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं… साथ ही बिजली के खंभे भी गिर गए हैं उखाड़ा हुआ।
ओडिशा में चक्रवात दाना के बाद जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर लगभग 5.84 लाख लोगों को निकाला गया है। पश्चिम बंगाल में निचले इलाकों से निकासी के लिए 3.5 लाख से अधिक लोगों की पहचान की गई है। मुख्यमंत्री मोहन चार माजी आपात स्थिति में हैं। चक्रवात दाना के भूस्खलन के बाद भुवनेश्वर में नियंत्रण कक्ष ने निगरानी की.. सीएम ने स्थिति का आकलन किया है और सुनिश्चित किया है कि चक्रवात के मद्देनजर सभी व्यवस्थाएं पूरी हो जाएं.. दूसरी ओर एनडीआरएफ भी बचाव कार्यों के लिए तैयार है..
ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने प्रभावित इलाकों में स्कूलों और कॉलेजों को शनिवार तक बंद रखने का आदेश दिया है.. पिछले दो महीनों में दो चक्रवात भारतीय तट से टकरा चुके हैं. जिसने प्रायद्वीपीय क्षेत्र को प्रभावित किया..