Cybersecurity : क्या आपके WhatsApp पर भी आया है ट्रैफिक चालान का ये मैसेज? क्लिक किया तो खाली हो जाएगा अकाउंट

Post

News India Live, Digital Desk: आजकल हम अपनी छोटी-बड़ी ज़रूरतों के लिए टेक्नोलॉजी और इंटरनेट पर निर्भर हैं, जिससे हमारी ज़िंदगी आसान तो हुई है, लेकिन ऑनलाइन धोखाधड़ी का ख़तरा भी कई गुना बढ़ गया है। साइबर ठग हर रोज़ लोगों को फंसाने के नए-नए तरीक़े निकाल रहे हैं। इसी कड़ी में एक नया और बहुत ही ख़तरनाक स्कैम सामने आया है, जिसमें सरकारी ऐप 'mParivahan' के नाम का इस्तेमाल करके लोगों के बैंक अकाउंट खाली किए जा रहे हैं।

यह घोटाला इतना शातिर तरीक़े से किया जा रहा है कि कोई भी आसानी से इसका शिकार बन सकता है।

कैसे काम करता है यह 'ट्रैफिक चालान' स्कैम?

  1. WhatsApp पर आता है मैसेज: सबसे पहले आपके WhatsApp पर एक अनजान नंबर से मैसेज आता है, जो देखने में बिलकुल असली ट्रैफिक चालान जैसा लगता है। इसमें mParivahan का लोगो भी लगा हो सकता है, जिससे आपको लगे कि यह सरकारी विभाग से ही आया है।
  2. लिखा होता है डराने वाला मैसेज: इस मैसेज में लिखा होता है कि आपकी गाड़ी का ट्रैफ़िक नियम तोड़ने के जुर्म में चालान काटा गया है। आपको डराने के लिए भारी-भरकम रक़म भी बताई जाती है।
  3. दिया जाता है एक लिंक: मैसेज के आख़िर में आपको एक लिंक दिया जाता है और कहा जाता है कि चालान की डिटेल देखने या उसे ऑनलाइन भरने के लिए इस पर क्लिक करें। अक्सर यह धमकी भी दी जाती है कि अगर तुरंत भुगतान नहीं किया तो जुर्माना और बढ़ जाएगा।

यहीं से शुरू होता है असली खेल

जैसे ही कोई घबराकर उस लिंक पर क्लिक करता है, वह इन ठगों के जाल में फंस जाता है।

  • यह लिंक या तो आपको एक नकली वेबसाइट पर ले जाता है, जो बिलकुल असली mParivahan वेबसाइट जैसी दिखती है। जैसे ही आप चालान भरने के लिए अपनी बैंक डिटेल्स, क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर या UPI पिन डालते हैं, यह जानकारी तुरंत स्कैमर्स के पास चली जाती है और वे आपका अकाउंट खाली कर देते हैं।
  • कई बार लिंक पर क्लिक करते ही आपके फ़ोन में एक मैलवेयर या वायरस इंस्टॉल हो जाता है, जो चुपचाप आपके फ़ोन से आपकी निजी जानकारी, जैसे पासवर्ड, कॉन्टैक्ट लिस्ट और बैंकिंग OTP चुरा लेता है।

इस धोखाधड़ी से कैसे बचें?

सावधानी में ही सुरक्षा है। कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप इस बड़े ख़तरे से बच सकते हैं:

  • WhatsApp मैसेज पर भरोसा न करें: याद रखें, ट्रैफिक पुलिस या परिवहन विभाग कभी भी आपको WhatsApp पर चालान का नोटिस नहीं भेजता है। चालान का ऑफिशियल मैसेज हमेशा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS के ज़रिए आता है और वह VAHAN जैसे सरकारी आईडी से भेजा जाता है, किसी अनजान पर्सनल नंबर से नहीं।
  • किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें: चाहे मैसेज कितना भी असली क्यों न लगे, उसमें दिए गए किसी भी लिंक पर भूलकर भी क्लिक न करें।
  • खुद करें जांच: अगर आपको कोई शक है, तो सीधे ऑफिशियल 'mParivahan' ऐप खोलकर या echallan.parivahan.gov.in वेबसाइट पर जाकर अपनी गाड़ी का नंबर डालकर ख़ुद चेक करें कि कोई चालान है या नहीं।
  • स्पेलिंग और ग्रामर पर ध्यान दें: स्कैमर्स द्वारा भेजे गए मैसेज में अक्सर स्पेलिंग या ग्रामर की ग़लतियाँ होती हैं।
  • ब्लॉक और रिपोर्ट करें: अगर ऐसा कोई मैसेज आए, तो तुरंत उस नंबर को ब्लॉक करें और WhatsApp पर फ्रॉड के लिए रिपोर्ट करें।

आपकी एक छोटी सी लापरवाही आपकी मेहनत की कमाई पर भारी पड़ सकती है। इसलिए, ऑनलाइन दुनिया में हमेशा सतर्क और जागरूक रहें।

--Advertisement--