Cyber Crime Wing of Tamil Nadu police:साइबर अपराधी हर दिन लोगों को ठगने के नए तरीके अपना रहे हैं। अब एक और धोखाधड़ी सामने आई है, जिसे ‘जंप्ड डिपॉजिट स्कैम’ कहा जा रहा है। तमिलनाडु पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने इस स्कैम को लेकर लोगों को सतर्क किया है। नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर भी इस स्कैम से जुड़ी कई शिकायतें दर्ज की गई हैं।
क्या है ‘जंप्ड डिपॉजिट स्कैम’?
इस स्कैम में जालसाज पीड़ित को धोखा देने के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं।
- कैसे होता है स्कैम:
- जालसाज पहले पीड़ित के खाते में एक छोटी रकम ट्रांसफर करते हैं।
- इसके बाद, पीड़ित को पैसे आने का SMS नोटिफिकेशन मिलता है।
- फंसाने का तरीका:
- नोटिफिकेशन देखकर पीड़ित अपना बैंक अकाउंट चेक करने के लिए ऐप खोलता है।
- जैसे ही पीड़ित अपना पिन नंबर डालता है, जालसाज उसकी जानकारी का उपयोग करते हुए बड़ी रकम निकालने की रिक्वेस्ट भेज देते हैं।
- पीड़ित द्वारा पिन डालने पर जालसाज की ट्रांजेक्शन रिक्वेस्ट अप्रूव हो जाती है, और वे खाते से कई गुना अधिक रकम निकाल लेते हैं।
कैसे बचें इस स्कैम से?
1. SMS नोटिफिकेशन पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें:
- पैसे आने का कोई भी संदिग्ध SMS या नोटिफिकेशन मिलने पर तुरंत अकाउंट चेक करने से बचें।
- कुछ समय इंतजार करें ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की रिक्वेस्ट ऑटो-एक्सपायर हो जाए।
2. पहली बार में गलत पिन डालें:
- अगर आपको अकाउंट चेक करना हो, तो पहली बार में जानबूझकर गलत पिन डालें।
- इससे किसी धोखाधड़ी की रिक्वेस्ट कैंसिल हो सकती है।
3. संदिग्ध ट्रांजेक्शन पर तुरंत कार्रवाई करें:
- अगर खाते में कोई भी संदिग्ध लेन-देन हो, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
- बैंक की ग्राहक सेवा टीम को घटना की जानकारी दें।
4. साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें:
- किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी के मामले को नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर तुरंत रिपोर्ट करें।
पुलिस की सलाह:
तमिलनाडु पुलिस और साइबर क्राइम विंग ने लोगों को निम्नलिखित सलाह दी है:
- अलर्ट रहें:
- ऐसे किसी भी SMS नोटिफिकेशन से सावधान रहें।
- बिना पूरी जानकारी के अकाउंट चेक न करें।
- संदेहास्पद घटनाओं की रिपोर्ट करें:
- निकटतम साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मामले की रिपोर्ट दर्ज करें।
- साइबर अपराध के मामलों में तुरंत कार्रवाई से अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलती है।