जम्मू, 25 अप्रैल (हि.स.)। जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के शैक्षिक अध्ययन विभाग ने ‘गुरुवार माइंड मीट’ के तहत “एनईपी-2020 के आलोक में शिक्षकों और शिक्षक प्रशिक्षकों की भूमिका में बदलाव” विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन पंडित मालवीय शिक्षा भवन में कुलपति, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रो. संजीव जैन और विभागाध्यक्ष (एचओडी) प्रो. असित के मंत्रि के संरक्षण में किया गया था।
मुख्य पैनलिस्ट और संसाधन व्यक्ति प्रोफेसर मधु सिंह, प्रिंसिपल, एमसी खालसा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जम्मू, प्रोफेसर वंदना शर्मा, अंग्रेजी विभाग की प्रमुख और ‘थर्सडे माइंड मीट’, सीयूजे की संयोजक, शोध विद्वान और छात्र थे। सीयूजे के छात्र कल्याण डीन प्रोफेसर रितु बख्शी ने मुख्य विषय पर चर्चा की शुरुआत की और शिक्षकों और शिक्षक प्रशिक्षकों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया।
प्रो. वंदना शर्मा ने एनईपी-2020 द्वारा निर्धारित विभिन्न दृष्टिकोणों के बारे में बात की और शिक्षा की वर्तमान प्रणाली पर प्रकाश डाला जो बहु-विषयक दृष्टिकोण से ट्रांस-अनुशासनात्मक दृष्टिकोण की ओर बढ़ रही है, जबकि प्रो. मधु सिंह ने सक्षम शिक्षक बनाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान के साथ शिक्षकों की एक टीम बनाने के बारे में बात की। उन्होंने प्रत्येक शिक्षक को ‘शोध विद्वान’ बताया और चर्चा के लिए अलग-अलग प्रश्न रखे।
प्रो. असित के. मन्त्री द्वारा बताया गया कि कैसे श्री अरबिंदो दर्शन भारत में शिक्षा प्रणाली में क्रांति ला सकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस तरह की साहित्यिक गतिविधि के माध्यम से सीखने के प्रति छात्रों का उत्साह और भागीदारी कैसे विभाग, विश्वविद्यालय और बड़े पैमाने पर राष्ट्र की सफलता बन जाती है।