CSK को चाहिए तेज गेंदबाज तो RCB को हिटर 77 खाली जगहों को भरने के लिए तैयार है रणनीति का चक्रव्यूह
News India Live, Digital Desk : आईपीएल का असली रोमांच मैदान पर चौके-छक्के लगने से पहले ही शुरू हो जाता है। कहाँ? जी हाँ, नीलामी की टेबल पर। हम और आप जिस 'ऑक्शन डे' (Auction Day) का इंतज़ार चिप्स का पैकेट लेकर करते हैं, वो असल में टीमों के मालिकों और मैनेजमेंट के लिए दिमाग का दही कर देने वाला दिन होता है।
इस बार का गणित थोड़ा ज्यादा ही टेढ़ा है। खबर है कि 350 खिलाड़ी (Players) अपनी किस्मत आजमाने के लिए हथौड़े के नीचे जाएंगे। लेकिन सच्चाई यह है कि सभी 10 टीमों को मिलाकर कुल Vacancies (खाली जगहें) सिर्फ 77 ही हैं। यानी, "एक अनार, सौ बीमार" वाली कहावत यहाँ बिल्कुल फिट बैठती है।
किसका गणित क्या कहता है?
हर बार की तरह इस बार भी हम यही सोच रहे हैं कि कौन सबसे महँगा बिकेगा। लेकिन टीमों का फोकस कहीं और है। वे सुपरस्टार्स नहीं, अपनी जरूरत (Requirement) ढूंढ रही हैं।
- जगह कम, फाइट ज्यादा: औसतन एक टीम को अपनी स्क्वाड पूरी करने के लिए सिर्फ 7-8 खिलाड़ी ही चाहिए। इसका मतलब है कि कई बड़े नाम अनसोल्ड (Unsold) रह सकते हैं और कई अनजान चेहरे करोड़पति बन सकते हैं।
- किसे क्या चाहिए?: जैसे, कुछ टीमों के पास टॉप ऑर्डर तो सेट है, लेकिन फिनिशर (Finisher) गायब है। किसी के पास स्पिनर्स की फौज है, लेकिन डेथ ओवर में बॉलिंग करने वाला पेसर नहीं है। नीलामी में टीमें इन्हीं खाली 'सुराखों' को भरने के लिए लड़ेंगी।
पर्स की पावर (Money Talk)
सबसे दिलचस्प होता है यह देखना कि किस टीम की जेब (Purse) में कितना दम है। जिन टीमों ने ज्यादा खिलाड़ियों को रिटेन (Retain) किया है, उनका पर्स हल्का है और वे बहुत सोच-समझकर बोली लगाएंगे। वहीं, जिन टीमों ने बड़े खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया है, वो खुले सांड की तरह नीलामी में उतरेंगी और किसी भी खिलाड़ी का रेट बढ़ा देंगी।
स्मार्ट बाय का जमाना
अब वो जमाना गया जब टीमें सिर्फ नाम पर पैसा लुटाती थीं। अब डेटा और एनालिसिस का दौर है। 350 खिलाड़ियों में से वो 'हीरे' चुने जाएंगे जो कम दाम में बड़ा धमाका कर सकें। 77 सीटों के लिए होने वाली यह जंग सिर्फ पैसे की नहीं, बल्कि दिमाग और रणनीति की होगी।
तो तैयार रहिये, क्योंकि जब ऑक्शन शुरू होगा, तो धड़कनें सिर्फ खिलाड़ियों की नहीं, हमारी और आपकी भी तेज होने वाली हैं!
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