रायपुर, 3 जून (हि.स.)। माकपा ने बिजली दरों में की गई वृद्धि का तीव्र विरोध करते हुए इस वृद्धि को वापस लेने की मांग करते हुए सोमवार शाम माकपा राज्य सचिव मंडल सदस्य धर्मराज महापात्र, जिला सचिव प्रदीप गभने, जिला समिति सदस्य अतुल देशमुख, अजय कन्नौजे, केके साहू के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
माकपा ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा घरेलू उपभोक्ता सहित कृषि क्षेत्र के बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि इससे भाजपा का जनविरोधी चेहरा उजागर हो गया। पार्टी ने कहा कि चुनाव खत्म होते ही बिना किसी जनसुनवाई और जनता की राय के भाजपा ने एकतरफा तरीके से पहले से ही मंहगाई की मार से तबाह प्रदेश की जनता पर एक और हमला कर दिया। पार्टी ने कहा कि सभी स्लैब के घरेलू बिजली की दर में प्रति यूनिट 20 पैसे की वृद्धि का अर्थ है गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले गरीब लोगों का भी घरेलू बजट बिगड़ना क्योंकि इससे उनका बिजली बिल भी बढ़ गया।
नई दरों के अनुसार 0 से 100 यूनिट तक के खपत पर 3.90 रुपये, 101 से 200 यूनिट पर 4.10 रुपये 201 से 400 यूनिट 5.50 रुपये, 401 से 600 यूनिट 6.50 रुपये और 600 यूनिट से अधिक के उपभोक्ता को 8.10 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा,अर्थात भाजपा सरकार ने गरीब से लेकर मध्यम वर्ग सभी पर कहर बरपा दिया। पार्टी ने कहा यदि कोई गरीब अगर 100 से एक यूनिट भी अधिक बिजली खर्च करेगा तो उसे 3.90 रुपये की दर पर बिल का भुगतान करना होगा।
पार्टी ने कहा कि केवल यही नहीं सरकार ने स्थिर प्रभार की राशि में भी 5 से लेकर 10 किलो वाट के लिए 20 से लेकर 40 रुपये प्रति किलोवाट तक की वृद्धि कर दी है। पार्टी ने अपने ज्ञापन में आयोग से इस प्रताव पर पुनर्विचार कर सरकार से बिजली दरों में इस वृद्धि के जनविरोधी फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की और ऐसा न होने पर पूरे प्रदेश में इसका तीव्र विरोध करने की चेतावनी दी है।