गौ भक्तों को रोका जा रहा है: रामलीला मैदान में प्रदर्शन की इजाजत न मिलने पर भड़के शंकराचार्य

Image 2025 03 17t151318.145

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वतीजी महाराज ने दिल्ली सरकार से नाराजगी जताई है। शंकराचार्य ने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के लिए रामलीला मैदान में धरना देने की अनुमति मांगी थी। हालाँकि, सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसलिए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि लोकतंत्र में यही गलत हो रहा है। गौ भक्तों को मैदान में बैठकर शांतिपूर्वक अपनी बात कहने से रोका जा रहा है। 

 

‘परमिट रद्द कर दिया गया है जो लोकतंत्र में गलत है’

दरअसल, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 17 मार्च को रामलीला मैदान में धरना देने की अनुमति मांगी थी। सरकार ने आवेदन दायर कर दिया है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “हमने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के सिलसिले में 17 मार्च को रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अब अनुमति रद्द कर दी गई है, जो लोकतंत्र में गलत है।”

शंकराचार्य ने कहा कि अब समय आ गया है कि यह सरकार गौ भक्तों को खेत में बैठकर शांतिपूर्वक अपने विचार व्यक्त करने से भी रोके। हमने सरकार और सभी विपक्षी दलों को गौमाता पर अपने विचार स्पष्ट करने के लिए 17 मार्च तक का समय दिया है।

शंकराचार्य की मांग क्या थी  ? 

उन्होंने आगे कहा कि सरकार को 17 मार्च तक गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करना चाहिए और देशभर में गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए। अन्यथा हम 17 मार्च को दिल्ली में कड़े फैसले लेने को मजबूर होंगे।

 

अनुमति क्यों रद्द कर दी गई? 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि प्रशासन को एलआईयू व अन्य सरकारी सूचना तंत्रों के जरिए पता चला कि रामलीला मैदान में लाखों की संख्या में गौभक्त जुट सकते हैं। इस सूचना के आधार पर रामलीला मैदान की अनुमति रद्द कर दी गई है।