Copper vessel water : पानी नहीं, अमृत है तांबे के बर्तन में रखा पानी, आयुर्वेद क्यों कहता है इसे ताम्र जल?
News India Live, Digital Desk: Copper vessel water : आजकल हमारे किचन में स्टील, कांच और प्लास्टिक के बर्तनों की भरमार है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे दादा-दादी और नाना-नानी के जमाने में तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल क्यों इतना आम था? यह सिर्फ एक परंपरा नहीं थी, बल्कि इसके पीछे छिपा था सेहत का एक गहरा राज, जिसे आयुर्वेद हजारों सालों से जानता है।
आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में रखे पानी को 'ताम्र जल' कहा जाता है और इसे पीने के अनगिनत फायदे बताए गए हैं। आयुर्वेद के अनुसार, जब पानी को रात भर या 6-8 घंटे के लिए तांबे के बर्तन में रखा जाता है, तो तांबे के छोटे-छोटे कण (ions) पानी में घुल जाते हैं। यह प्रक्रिया पानी को प्राकृतिक रूप से शुद्ध करती है और उसे औषधीय गुणों से भर देती है।
चलिए जानते हैं, आयुर्वेद और विज्ञान की नजर में तांबे के बर्तन में पानी पीना क्यों इतना फायदेमंद है।
1. पेट के लिए है वरदान
आयुर्वेद मानता है कि तांबे में ऐसे गुण होते हैं जो पेट की अंदरूनी परत को ठीक करते हैं और पाचन अग्नि (जठराग्नि) को मजबूत बनाते हैं। यह पेट में हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करके एसिडिटी, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। अगर आप नियमित रूप से इस पानी का सेवन करते हैं, तो आपका पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
2. प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल
यह बात अब विज्ञान भी मानता है। तांबे में प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। कई स्टडीज में यह पाया गया है कि तांबा ई-कोलाई (E.coli) और एस.ऑरियस (S.aureus) जैसे कई आम बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है, जो पानी से होने वाली बीमारियों (जैसे डायरिया, पीलिया) का कारण बनते हैं। यह पानी को प्राकृतिक रूप से साफ और सुरक्षित बनाता है।
3. इम्यूनिटी को बनाता है मजबूत
तांबा एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करता है। फ्री रेडिकल्स ही कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया और कई बीमारियों का कारण बनते हैं। 'ताम्र जल' पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ती है और शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए मजबूत बनता है।
4. वात, पित्त और कफ को करता है संतुलित
आयुर्वेद के अनुसार, हमारा शरीर तीन दोषों - वात, पित्त और कफ से मिलकर बना है। जब इन दोषों का संतुलन बिगड़ता है, तो बीमारियां होती हैं। माना जाता है कि तांबे के बर्तन में रखा पानी इन तीनों दोषों को संतुलित करने की क्षमता रखता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
5. त्वचा को रखता है जवान
तांबा शरीर में 'मेलेनिन' के उत्पादन में मदद करता है। मेलेनिन हमारी त्वचा को सूरज की हानिकारक UV किरणों से बचाता है और त्वचा के रंग को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा, तांबा नई कोशिकाओं को बनाने में भी मदद करता है, जिससे त्वचा साफ, चमकदार और जवान दिखती है।
कैसे करें इसका सही इस्तेमाल?
- रात भर रखें: सबसे अच्छा तरीका है कि आप रात को सोने से पहले तांबे के जग या लोटे में पानी भरकर रख दें।
- सुबह खाली पेट पिएं: सुबह उठकर सबसे पहले खाली पेट इस पानी को पिएं। इससे आपको सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
- बर्तन को साफ रखें: तांबे के बर्तन को नियमित रूप से नींबू और नमक या इमली से साफ करें ताकि उस पर ऑक्सीडेशन की परत न जमे।
यह एक छोटा सा बदलाव आपकी सेहत में एक बड़ा और सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। तो क्यों न आज से ही इस प्राचीन और वैज्ञानिक परंपरा को अपनी जिंदगी में दोबारा शामिल किया जाए
--Advertisement--