कोयले की ढुलाई के लिए एनसीआर से स्थापित किया जा रहा समन्वय

प्रयागराज, 16 अप्रैल (हि.स.)। डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) लाइन पर मालगाड़ियों से कोयला की सर्वाधिक ढुलाई के लिए अब एनसीआर से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए मंगलवार को एनसीआर के महाप्रबंधक रविंद्र गोयल व डीएफसी के डायरेक्टर ओपी एंड बीडी शोभित भटनागर ने प्रयागराज से लेकर डीडीयू यूनिट तक व्यवस्था देखकर अधीनस्थों को आवश्यक टिप्स दिए।

इस दौरान लोको पायलटों के रनिंग रूम की सुविधा परखी और खामियों को दूर करने का निर्देश दिए। इसके अलावा गर्मी के दिनों में रेल पटरियों पर विशेष निगरानी रखने की बात कही। साथ ही कर्मियों को लगातार अवलोकन करने को कहा ताकि रेल पटरियों को चटकने से बचाया जा सके और दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके।

वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी अमित मालवीय ने जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले अधिकारियों का दल मीरजापुर के करछना पहुंचा। यहां लोको पायलटों के लिए बने वैकल्पिक रनिंग रूम को देखा और भविष्य में स्थाई रनिंग रूम बनाने की बात कही। ऊंचडीह में मेजा ऊर्जा थर्मल पावर का अवलोकन किया और पावर की क्षमता परखी। इसके बाद अधिकारी द्वय चुनार डीएफसी लाइन पहुंचे। यहां विश्वनाथ पुरी स्टेशन से डगमगपुर के जुड़ाव की व्यवस्था का जायजा लिया। रेलमार्ग के बाद महाप्रबंधक व डायरेक्टर ने जलमार्ग की स्थिति को देखा। फ्लाईओवर से डीएफसी पहुंचे। यहां से अंतरदेशीय जलमार्ग परिवहन का अवलोकन किया। जलमार्ग से हल्दिया तक सामानों का आयात व निर्यात होगा। फिर डीडीयू तीसरी लाइन का जायजा लेते हुए पीडीडीयू यार्ड पहुंचे। यहां अधिकारियों संग बैठक की और विभिन्न गतिविधियों के बारे में मंथन किया गया। इस दौरान पीसीओएम शरद चंद्रयान, सीजीएम प्रयागराज एबी शरण, सीजीएम डीडीयू अतुल कुमार, एजीएम श्रवण कुमार, एजीएम मनु प्रकाश दुबे, डिप्टी सीपीएम जेके सिंह, यशपाल आदि थे।

डायरेक्टर पीपी आरएफओ निर्माण की देखेंगे प्रगति

पीआरओ ने बताया कि डीएफसी के डायरेक्टर प्रोजेक्ट प्लानिंग पंकज सक्सेना 19 अप्रैल को डीडीयू डीजल शेड में बन रहे फुट ओवरब्रिज के निर्माण की प्रगति का अवलोकन करने आएंगे। इसके लिए डायरेक्टर पीपी 18 अप्रैल को नई दिल्ली से 22416 वंदे भारत से कानपुर पहुंचेगें। अगले दिन वह न्यू कानपुर से न्यू डीडीयू आएंगे। इसके बाद पशु ट्राली से डीजल शेड पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि डायरेक्टर पीपी के आने की जानकारी होने पर अधिकारी निर्माण कार्य की गति बढ़ाने में लग गए हैं।