मशहूर गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसके बाद यह मुलाकात चर्चा का विषय बन गई। प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें दोनों को हंसी-मजाक और बातचीत करते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, इस मुलाकात ने किसान नेताओं की नाराज़गी को जन्म दिया, खासकर सरवन सिंह पंढेर, जो इस पर खुलकर असहमति जताई।
दिलजीत और पीएम मोदी की मुलाकात
प्रधानमंत्री की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने दोसांझ की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने एक साधारण परिवार से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।
- पीएम ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करते हुए इसे “एक यादगार बातचीत” करार दिया।
- उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “दिलजीत दोसांझ के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं और उनमें परंपरा और आधुनिकता का अनोखा मेल है।”
दिलजीत की प्रतिक्रिया
मुलाकात के बाद दिलजीत ने भी पीएम मोदी की तारीफ की।
- उन्होंने मोदी की मां और गंगा नदी के प्रति उनकी भावनाओं का जिक्र करते हुए उनकी सराहना की।
- दोसांझ ने ‘एक्स’ पर लिखा, “साल 2025 की शानदार शुरुआत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक यादगार मुलाकात। हमने संगीत और कई अन्य विषयों पर बात की।”
किसान नेताओं की नाराज़गी
सरवन सिंह पंढेर की प्रतिक्रिया
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने इस मुलाकात पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
- उन्होंने कहा, “मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं, उनसे कोई भी मिल सकता है। लेकिन किसानों को समझ नहीं आ रहा कि यह मुलाकात क्यों हुई।”
- उन्होंने आगे कहा कि दिलजीत को अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने जाना चाहिए था।
डल्लेवाल का आमरण अनशन
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 38 दिनों से आमरण अनशन पर हैं।
- खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।
- किसान नेता केंद्र सरकार से कृषि मुद्दों पर बातचीत की मांग कर रहे हैं।
पंजाब सीएम भगवंत मान का केंद्र पर आरोप
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
- उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार चाहती है कि पंजाब सरकार डल्लेवाल का अनशन तुड़वाए, लेकिन हम ऐसा क्यों करेंगे?”
- मान ने कहा कि अगर केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करे, तो यह विवाद आसानी से सुलझ सकता है।
मुलाकात पर विवाद की जड़
किसानों की नाराज़गी के कारण
- किसान नेताओं का मानना है कि दिलजीत दोसांझ जैसे प्रभावशाली व्यक्ति को किसानों के आंदोलन का समर्थन करना चाहिए था।
- उनका आरोप है कि दोसांझ ने पीएम मोदी से मुलाकात कर किसानों की उपेक्षा की।
दिलजीत की चुप्पी पर सवाल
- पंढेर ने कहा कि किसानों के बीच दोसांझ की लोकप्रियता को देखते हुए उनसे आंदोलन का समर्थन करने की उम्मीद थी।
- किसान नेताओं को यह भी संदेह है कि इस मुलाकात के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य हो सकता है।