7 गांवों की जमीन पर रोक: UP के नए एयरपोर्ट के लिए बिक्री पर विवाद

वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को एक मोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे यह देश का पहला एयरपोर्ट बनेगा जिसके रनवे के नीचे करीब तीन किलोमीटर की टनल (सुरंग) से हाईवे गुजरेगा। इस प्रॉजेक्ट की लागत करीब 1500 करोड़ रुपए होने की संभावना है और इससे वाराणसी एयरपोर्ट को बड़े विमानों के लिए तैयार किया जा रहा है, जैसे कि अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान और बड़े विमान।

वाराणसी एयरपोर्ट का विस्तार का प्लान 2015 में तैयार हुआ था, लेकिन इस पर काम अब शुरू किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की नई नीतियों के साथ, प्रशासन ने एयरपोर्ट के आसपास के सात गांवों में जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। इन गांवों के 857 किसानों की करीब 290 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, और इसके बदले में मुआवजे के लिए बातचीत शुरू हो गई है।

विस्तार के साथ-साथ कई बड़े प्रॉजेक्ट भी आने वाले हैं, जैसे कि सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, और एनडीआरएफ के ट्रेनिंग सेंटर, सांस्कृतिक केंद्र, और फिल्म सिटी प्रॉजेक्ट। इसके लिए करीब 300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें से बहुत ही कम हिस्सा जमीनदारों की है, जो भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ काम कर रहे हैं।

इन प्रॉजेक्ट्स के आने से वाराणसी के इलाके की छवि में कई बदलाव होने की संभावना है।