पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को निधन हो गया था, जिसके बाद उनके अंतिम संस्कार और स्मारक निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कांग्रेस ने निगम बोध घाट पर उनके अंतिम संस्कार को “अपमान” करार दिया और मांग की कि उनका अंतिम संस्कार वहीं किया जाना चाहिए था, जहां स्मारक बनाया जाएगा। दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने स्मारक के निर्माण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई और कहा कि इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा।
स्मारक निर्माण की प्रक्रिया में तेजी
केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह के स्मारक के निर्माण के लिए प्रक्रिया तेज कर दी है।
- स्थान चयन:
- केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) और शहरी विकास मंत्रालय ने स्मारक के लिए संभावित स्थानों का निरीक्षण किया।
- इन स्थानों में किसान घाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल, और राजघाट परिसर के पास की जगहें शामिल हैं।
- परिवार की राय महत्वपूर्ण:
- मनमोहन सिंह के परिवार को इन स्थानों की सूची दी गई है।
- उनकी राय के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
ट्रस्ट का गठन और एमओयू
स्मारक निर्माण से पहले सरकार एक ट्रस्ट का गठन करेगी।
- यह ट्रस्ट स्मारक निर्माण के लिए औपचारिक आवेदन करेगा।
- जमीन आवंटन के बाद, CPWD स्मारक निर्माण का कार्य करेगा।
- ट्रस्ट और विभाग के बीच एक एमओयू (समझौता ज्ञापन) भी साइन किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल में स्मारक की संभावना
2013 में यूपीए सरकार के दौरान पारित एक कैबिनेट प्रस्ताव के तहत राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति जैसे नेताओं की समाधियां बनाने का प्रावधान किया गया था।
- मनमोहन सिंह का स्मारक भी इसी परिसर में बनाए जाने की संभावना है।
- इसी स्थान पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक भी स्थित है।
कांग्रेस का विरोध और वैकल्पिक प्रस्ताव
कांग्रेस का रुख:
कांग्रेस ने मांग की कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार और स्मारक निर्माण एक ही स्थान पर होना चाहिए था।
- कांग्रेस नेता प्रवीण दावर ने सुझाव दिया कि स्मारक चंडीगढ़ में बनाया जाना चाहिए।
- उन्होंने कहा, “यह मेरी राय है कि मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए चंडीगढ़ सबसे उपयुक्त स्थान होगा।”
विवाद की जड़:
कांग्रेस ने निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार को लेकर सरकार की आलोचना की, इसे डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत का अपमान बताया।
सरकार की प्रतिक्रिया और प्रतिबद्धता
सरकार ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि स्मारक के निर्माण में कोई राजनीति नहीं है।
- स्मारक निर्माण में समय:
- सरकार ने स्पष्ट किया कि ट्रस्ट गठन और जमीन आवंटन में समय लगेगा।
- सरकार ने स्मारक निर्माण को प्राथमिकता देने की बात कही।
स्मारक स्थान पर जारी बहस
किसान घाट और राष्ट्रीय स्मृति स्थल की प्राथमिकता:
केंद्र सरकार और सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने राष्ट्रीय स्मृति स्थल को प्राथमिकता दी है।
- यह स्थान पूर्व राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों की समाधियों का केंद्र है।
- यह प्रस्तावित है कि मनमोहन सिंह का स्मारक भी इसी स्थान पर बने।
चंडीगढ़ पर विचार:
कुछ नेताओं और समर्थकों ने डॉ. मनमोहन सिंह के चंडीगढ़ से संबंधों का हवाला देते हुए स्मारक वहां बनाने की मांग की है।
- चंडीगढ़ उनका कर्मभूमि रहा है और यह उनकी विरासत को सम्मान देने का एक विशेष प्रतीक हो सकता है।