गर्भनिरोधक गोलियां इन 2 तरीकों से सेहत के लिए हो सकती हैं फायदेमंद, लेने से पहले जान लें नुकसान

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गर्भनिरोधक गोलियाँ: फायदे और नुकसान

गर्भनिरोधक गोलियाँ अक्सर महिलाएं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए लेती हैं, लेकिन इनके कई अन्य फायदे और नुकसान भी हो सकते हैं। आज के समय में, लोग अपने परिवार को बढ़ाने से पहले अच्छे से योजना बनाते हैं। इस क्रम में, कई महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लेती हैं। कहा जाता है कि यदि इन गोलियों का सही तरीके से सेवन किया जाए, तो ये 99 प्रतिशत तक अनचाहे गर्भ को रोकने में मदद कर सकती हैं। लेकिन इन गोलियों का सेवन केवल गर्भधारण को रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि ये आपके स्वास्थ्य पर अन्य प्रभाव भी डाल सकती हैं। आइए जानते हैं गुड़गांव स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की निदेशक और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से गर्भनिरोधक गोलियों के फायदे और नुकसान।

गर्भनिरोधक गोलियाँ लेने के फायदे

1. मासिक धर्म चक्र को नियमित करना:
गर्भनिरोधक गोलियाँ आपके पीरियड्स चक्र को नियमित करने में मदद कर सकती हैं। ये भारी, दर्दनाक और अनियमित मासिक धर्म में सुधार करती हैं। ये आपके हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक होती हैं, जिससे पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

2. त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार:
गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से आपको साफ़ त्वचा और स्वस्थ बाल प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। इनमें ऐसे फॉर्मूलेशन होते हैं, जो मुंहासों को कम करने और बालों के झड़ने की समस्या को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफेक्ट्स

गर्भनिरोधक गोलियाँ न केवल मासिक धर्म चक्र में सुधार लाने और त्वचा तथा बालों के स्वास्थ्य में मदद कर सकती हैं, बल्कि इनके कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • जी मिचलाना और उल्टी: कुछ महिलाओं को गोलियाँ लेने के बाद जी मिचलाने या उल्टी की समस्या हो सकती है।
  • मूड स्विंग्स: इन गोलियों के कारण मूड में बदलाव भी हो सकता है।
  • रक्त के थक्के बनने का खतरा: कुछ मामलों में, इन गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

यदि आप गर्भनिरोधक गोलियाँ लेने पर विचार कर रही हैं, तो सबसे पहले अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें। यह जरूरी है ताकि आप किसी भी संभावित दुष्प्रभाव का सही तरीके से सामना कर सकें और अपनी सेहत के लिए उचित निर्णय ले सकें।