हसीना को भगोड़ा घोषित कर जाकिर नाइक को बचाने की साजिश? बांग्लादेश में यूनुस सरकार का नया खेल
News India Live, Digital Desk : बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट होने के बाद से ही भारत की चिंताएं बढ़ी हुई थीं, और अब ये चिंताएं हकीकत में बदलती दिख रही हैं। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसे देखकर न केवल बांग्लादेश, बल्कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां भी हाई अलर्ट पर आ गई हैं।
यूनुस सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके कई पूर्व मंत्रियों को 'भगोड़ा' (Fugitive) घोषित कर दिया है। इन सबके खिलाफ अखबारों में सार्वजनिक नोटिस जारी किए गए हैं और उन्हें अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया गया है। लेकिन इस कार्रवाई की आड़ में एक बहुत बड़ा और खतरनाक 'खेल' खेला जा रहा है - भारत के भगोड़े और नफरत फैलाने वाले इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक (Zakir Naik) को बचाने का खेल।
क्या है यह पूरा 'खेल'?
यह सब कुछ उस वक्त शुरू हुआ जब ढाका की एक अदालत ने एक पुराने आतंकवाद के मामले में जाकिर नाइक और उसके कुछ साथियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। भारत, जिसके लिए जाकिर नाइक एक वांछित आतंकवादी है, को उम्मीद थी कि अब यूनुस सरकार उसे भारत के हवाले करने में मदद करेगी।
लेकिन हुआ ठीक उलटा!
'गुनहगार' बना मेहमान, 'प्रधानमंत्री' बनी भगोड़ा
जाकिर नाइक को पकड़ने के बजाय, यूनुस सरकार की पूरी मशीनरी उसे बचाने में लग गई है। और दुनिया का ध्यान इस मुद्दे से भटकाने के लिए, उन्होंने शेख हसीना और उनके साथियों को ही 'अपराधी' बना दिया।
- हसीना पर कार्रवाई: सरकार ने सार्वजनिक नोटिस जारी करके कहा है कि अगर शेख हसीना, जो फिलहाल भारत में हैं, ने सरेंडर नहीं किया, तो उनकी अनुपस्थिति में ही उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।
- जाकिर नाइक पर 'मेहरबानी': दूसरी तरफ, यूनुस सरकार ने अदालत से कहा है कि जाकिर नाइक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को अभी लागू न किया जाए, क्योंकि उसे (नाइक को) अभी तक वारंट की जानकारी ही नहीं दी गई है। यह एक बेहद कमजोर और हास्यास्पद दलील है।
भारत के लिए क्यों है यह खतरे की घंटी?
यह पूरा घटनाक्रम भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और सुरक्षा की चुनौती है।
- ढाका में बढ़ता कट्टरपंथ: यह दिखाता है कि बांग्लादेश की नई सरकार कट्टरपंथी और भारत-विरोधी ताकतों के दबाव में काम कर रही है। जाकिर नाइक जैसे नफरत फैलाने वाले को संरक्षण देना इसका सबसे बड़ा सबूत है।
- हसीना को घेरने की कोशिश: शेख हसीना भारत की एक बड़ी और भरोसेमंद दोस्त रही हैं। उन्हें 'भगोड़ा' घोषित करना न सिर्फ उनकी बेइज्जती है, बल्कि भारत पर भी एक तरह का दबाव बनाने की कोशिश है।
भारत की सरकार इस पूरी स्थिति पर अपनी गहरी नजर बनाए हुए है। यह देखना अब अहम होगा कि क्या मोहम्मद यूनुस, जिन्हें दुनिया एक शांति-दूत के तौर पर जानती है, अपनी ही जमीन पर आतंक के एक ऐसे सौदागर को पनाह देते हैं या फिर भारत के साथ दोस्ती का रिश्ता निभाते हैं।
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