देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे प्रणब मुखर्जी की स्मृति में राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर एक स्मारक बनेगा। यह जानकारी प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने साझा की और इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। शर्मिष्ठा ने कहा, “यह मेरे पिता के सम्मान में एक सराहनीय निर्णय है, जिसके लिए मैं सरकार की शुक्रगुजार हूं।”
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर भी चर्चाएं शुरू हुईं कि उनका स्मारक कहां बनेगा। खबरों के अनुसार, राष्ट्रीय स्मृति स्थल और विजय घाट का सर्वेक्षण किया गया है, और इन दोनों स्थानों में से एक को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है।
मनमोहन सिंह के स्मारक पर शहरी विकास मंत्री का बयान
शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि मनमोहन सिंह के स्मारक की लोकेशन को लेकर जल्द ही घोषणा की जाएगी।
- खट्टर ने कहा, “मनमोहन सिंह का स्मारक कहां बनेगा, इस पर एक या दो दिन में खबर मिलेगी।”
- मनमोहन सिंह के परिवार ने राजघाट परिसर में कुछ स्थानों का निरीक्षण किया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि परिवार ने किस स्थान को चुना है और सरकार का क्या विचार है।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर स्मारकों के निर्माण का नियम
2013 में यूपीए सरकार ने एक नीति बनाई थी, जिसके तहत प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निधन के बाद उनके स्मारकों के लिए राष्ट्रीय स्मृति स्थल को ही स्थान तय किया गया।
- इसी नीति के तहत प्रणब मुखर्जी का स्मारक राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनाने का निर्णय हुआ है।
- ज्ञानी जैल सिंह की समाधि एकता स्थल के पास ही इस परिसर में बनाई गई है।
मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर विवाद
मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर भी विवाद हुआ।
- उनका अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर किया गया था, जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई।
- कांग्रेस की मांग थी कि पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार वहीं होना चाहिए, जहां उनका स्मारक बने।
क्या होगा मनमोहन सिंह के स्मारक का स्थान?
- राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर निर्माण की संभावना अधिक है।
- सरकार के फैसले का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन मंत्री खट्टर के बयान से साफ है कि इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।