खेल अलंकरण के नाम पर झूठा श्रेय लेने की राजनीति : कांग्रेस

रायपुर, 14 मार्च (हि.स.)। खेल अलंकरण समारोह को लेकर छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के दावे पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि विष्णुदेव साय की वर्तमान सरकार जिन खिलाड़ियों का सम्मान कर रही है, यह सभी आयोजन पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय हुए। यहां तक कि पुरस्कृत खिलाड़ियों की यह सूची भी पूर्ववर्ती सरकार में ही तैयार हुई थी। विगत तीन महीने की साय सरकार में किसी भी खेल का एक भी आयोजन नहीं हुआ है और न ही नया कोई काम साय सरकार में शुरू कर पाए हैं, बल्कि उल्टे खेल एवं युवा कल्याण के बजट में कटौती कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय दो साल तक कोरोना काल था।जिसके तहत किसी भी तरह के अवार्ड सेरेमनी पर प्रतिबंध लगा था। कोरोना काल के बाद से हर बड़े प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को सम्मानित करने लगातार समारोह आयोजित होते रहे हैं। सर्वविदित है कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा गुजरात में आयोजित 36 में राष्ट्रीय खेल में राज्य का गौरव बढ़ाने वाले पदकवीर खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और टीम प्रबंधकों का सम्मान 23 जून 2023 को किया गया था।जिसमें 16 लाख़ 35 हजार के पुरस्कार के साथ ही कई तरह की सुविधाओं की घोषणा भी की गई थी। 2018 से 23 के बीच इस तरह के और भी सम्मान समारोह आयोजित हुए छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए अच्छा वातावरण तैयार करने का काम पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने किया था। छत्तीसगढ़ में दो आवासीय अकादमी के संचालन के साथ ही 21 अकादमी संचालित किए गए।

कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी एशियन गेम्स, राष्ट्रमंडल और राष्ट्रीय खेलों में बढ़-चढ़कर भाग लेते रहे। 23 जून 2023 को भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रीय खेलों में व्यक्तिगत एवं टीम स्पर्धा में पदक जीतने वाले 64 खिलाड़ी, विभिन्न खेलों में भाग लेने वाले 89 अन्य खिलाड़ी तथा 38 प्रशिक्षक प्रबंध को सम्मानित किया था। हकीकत यही है कि विष्णुदेव साय सरकार में छत्तीसगढ़ में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए कोई काम नहीं हुए केवल और केवल श्रेय लेने की राजनीति की जा रही है। छत्तीसगढ़िया पारंपरिक खेलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का सफल आयोजन हुआ। वर्तमान विष्णुदेव सरकार की बदनियती से अब आबंटित फंड में कटौती कर दी गई है।