बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस और एनएसयूआई ने अपनी चुनावी रणनीति तेज कर दी है। आज (रविवार) से कांग्रेस की ‘नौकरी दो, पलायन रोको यात्रा’ पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू हो रही है।
कांग्रेस का दावा है कि बिहार में बेरोजगारी की वजह से युवा और आम लोग पलायन करने को मजबूर हैं, और यह यात्रा इसी मुद्दे को केंद्र में रखकर निकाली जा रही है। विभिन्न जिलों से होते हुए इस यात्रा का समापन पटना में होगा।
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चुनाव से पहले कांग्रेस की बड़ी तैयारी
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, और ऐसे में कांग्रेस खुद को मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।
- ‘नौकरी दो, पलायन रोको यात्रा’ 24 दिनों तक चलेगी।
- युवा नेता कन्हैया कुमार इस यात्रा का नेतृत्व कर सकते हैं।
- इस यात्रा के जरिए कांग्रेस युवाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव भी लंबे समय से बेरोजगारी और पलायन के मुद्दे को उठाते रहे हैं। अब कांग्रेस इस यात्रा के जरिए बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
राहुल गांधी भी दो बार बिहार आ चुके
बिहार में चुनावी हलचल तेज हो चुकी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हाल ही में दो बार बिहार का दौरा कर चुके हैं।
हालांकि, वे सामाजिक संगठनों के कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे, लेकिन उनके दौरे से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश और आत्मविश्वास बढ़ा है।
कांग्रेस में नई ऊर्जा लाने की कोशिश
कांग्रेस ने 14 फरवरी 2025 को कृष्णा अल्लावरू को बिहार का प्रभारी नियुक्त किया।
- कृष्णा अल्लावरू युवा और तेज-तर्रार नेता माने जाते हैं।
- उन्होंने साफ कर दिया है कि कांग्रेस इस बार पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ेगी।
- पार्टी युवाओं की बेरोजगारी और शिक्षा जैसे अहम मुद्दों पर फोकस करेगी।
इस यात्रा के जरिए कांग्रेस न सिर्फ युवाओं का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है, बल्कि अपने कार्यकर्ताओं में भी नई ऊर्जा भरना चाहती है।
क्या कांग्रेस की यह यात्रा चुनावी समीकरण बदल पाएगी?
बिहार की राजनीति में बेरोजगारी और पलायन बड़ा मुद्दा रहा है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस की यह यात्रा युवाओं को आकर्षित कर पाएगी या नहीं।