कांग्रेस का ‘चाणक्य’ गेमप्लान, यहां अधूरा रह जाएगा बीजेपी का ‘मिशन 25’! राजनीतिक विशेषज्ञ हैरान रह गये

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लोकसभा चुनाव 2024 : बीजेपी भले ही इस बार राजस्थान में हैट्रिक लगाने का दावा कर रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात अलग हैं. कांग्रेस के ‘चाणक्य’ अशोक गहलोत की चतुराई से इस बार बीजेपी का मिशन 25 अधूरा रह सकता है. 

क्या प्लान बनाया… 

दरअसल, इस बार कांग्रेस ने अपने दबदबे वाली नागौर और सीकर लोकसभा सीटें इंडिया अलायंस के लिए छोड़ दी हैं. बेनीवाल की आरएलपी के लिए हनुमान नागौर से अपना उम्मीदवार उतारेंगे. सीकर और नागौर दोनों ही कांग्रेस के गढ़ हैं. इस बार कांग्रेस इस जाट बहुल सीट पर बीजेपी को घेर रही है. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि कांग्रेस को इससे जयपुर ग्रामीण, चूरू, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ और जैसलमेर-बाड़मेर में काफी फायदा हो सकता है. क्योंकि इन जिलों में हनुमान बेनीवाल की पार्टी प्रभावशाली मानी जाती है. 

टूटेगा बीजेपी का हैट्रिक का सपना! 

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कांग्रेस उम्मीदवारों को आरएलपी और वाम दलों से 50 हजार से एक लाख अतिरिक्त वोट मिलते हैं, तो भाजपा का मिशन 25 निश्चित रूप से अधूरा रहेगा। ऐसी भी चर्चा है कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट भारतीय आदिवासी पार्टी यानी बीएपी के लिए छोड़ी जा सकती है. यहां से बीजेपी ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए महेंद्र जीत सिंह मालवीय को अपना उम्मीदवार बनाया है. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार राजस्थान में बीजेपी के लिए हैट्रिक लगाना मुश्किल है. कहा जाता है कि हनुमान बेनीवाल के साथ गठबंधन कराने में अशोक गहलोत की बड़ी भूमिका रही. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश चौधरी आरएलपी को गहलोत प्रायोजित पार्टी बता रहे हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान भी हरीश चौधरी ने अपने आरोप दोहराए.

क्या कहते हैं राजनीतिक विशेषज्ञ… 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल के साथ गठबंधन कर बीजेपी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. जाट बहुल इलाकों में बेनीवालों का खासा प्रभाव माना जाता है. गठबंधन से वोटों का बंटवारा रुकेगा और भारत के गठबंधन के उम्मीदवारों को फायदा मिलेगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल खुद नागौर से सांसद बने. हालांकि, इस बीच बेनीवाल ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया था. लेकिन किसान आंदोलन के चलते बेनीवाल ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया. इस बार माना जा रहा है कि बेनीवाल ही नागौर से उम्मीदवार होंगे. 

कांग्रेस ने इस बार नए उम्मीदवारों पर भरोसा जताया 

इस बार राजस्थान में कांग्रेस ने अब तक घोषित उम्मीदवारों में झालौर-सिरोही को छोड़कर नए उम्मीदवारों को टिकट दिया है। सिर्फ वैभव गहलोत को रिपीट किया गया है. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार भारत गठबंधन श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़, अलवर, नागौर, सीकर, टोंक-सवाई माधोपुर और उदयपुर सीटों पर बीजेपी को हरा सकता है. मोदी के मंत्री कैलाश चौधरी को भी जैसलमेर-बाड़मेर से मुश्किल होगी. इन सीटों पर लोग बीजेपी सांसदों से नाराज बताए जा रहे हैं. हालांकि, बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद ही स्थिति साफ होगी. बीजेपी ने राजस्थान के लिए 15 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. जबकि 10 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा होनी है.