शिमला, 25 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद और प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी जनसंपर्क अभियान के दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा कि पांच चरणों के चुनावों में भाजपा बहुमत के आंकड़ों को पार कर चुकी है और आज छठे चरण का चुनाव हो गया हैं। हिमाचल प्रदेश इस बार 4-0 से हैट्रिक बनाने जा रहा है।
उनका मानना है कि 4 तारीख को भाजपा 400 से अधिक सीटें हासिल करेगी। कश्यप ने हिमाचल की जनता से अपील की कि वे केंद्र में भाजपा की सरकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करें ताकि भाजपा के प्रत्याशी भारी बहुमत से जीत हासिल करें।
सुरेश कश्यप ने भाजपा के पालमपुर में हुए कार्यसमिति की बैठक का भी उल्लेख किया, जिसमें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया था। उन्होंने इसे हिमाचल प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि इस संकल्प के पूरा होने से 500 साल का इंतजार और संघर्ष समाप्त हुआ। उन्होंने इस सफलता का श्रेय जनता के एक वोट की ताकत को दिया और कहा कि कांग्रेस इस मंदिर का निर्माण नहीं होने देती अगर उन्हें मौका मिलता।
कांग्रेस पर हमला करते हुए कश्यप ने कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक देश पर शासन किया लेकिन भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह देश को पिछड़ेपन की ओर ले जाना चाहती है और विकास की राह में रुकावटें डालना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समान नागरिक संहिता का संकल्प लिया है, देश का नागरिक भले ही वह हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, ईसाई हो, बौद्ध हों उनके लिए एक समान नागरिक कानून होने चाहिए।
कश्यप ने कहा कि कांग्रेस धारा 370 को वापस लाने और नागरिकता संशोधन अधिनियम (ब्।।) को समाप्त करने की बात करती है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार देश को एक समान नागरिक संहिता देने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा मुस्लिम पर्सनल लॉ के बहाने शरिया कानून का समर्थन करती है और देश को विकसित नहीं होने देना चाहती।
कश्यप ने कांग्रेस पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि आज दुनिया 21वीं सदी में जा रही हैं जबकि कांग्रेस 21वीं सदी में नहीं आ पाई है देश आज आगे बढ़ रहा है और कांग्रेस विपरित दिशा में चल रही है। कांग्रेस का शाही परिवार घोर बेटी-विरोधी है, कांग्रेस महिला विरोधी है। मंडी की बेटी कंगना के प्रति भद्दी बातें करना मंडी का अपमान है व साथ में हिमाचल का भी अपमान है।