चंडीगढ़, 10 मई (हि.स.)। हरियाणा की भाजपा सरकार के विरुद्ध राज्यपाल से मिलने पहुंची कांग्रेस को राज्यपाल के बजाए उनके सचिव को ही ज्ञापन देकर लौटना पड़ा। कांग्रेस हरियाणा में सरकार बनाने से पीछे हट गई है। विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने साथ बहुमत होने का दावा तो किया, लेकिन सरकार बनाने से इन्कार कर दिया। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद और मुख्य सचेतक भारत भूषण बतरा शुक्रवार शाम हरियाणा राजभवन पहुंचे। कांग्रेस ने भाजपा सरकार को बर्खास्त करने तथा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाकर विधानसभा चुनाव कराने की मांग की।
आफताब अहमद और भारत भूषण बतरा के हरियाणा राजभवन पहुंचने से 15 मिनट पहले ही राज्यपाल अपनी निजी यात्रा पर चले गए। कांग्रेस के इन दोनों नेताओं ने राज्यपाल के सचिव को विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा का पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि भाजपा सरकार अल्पमत में चल रही है। उसके साथ अब बहुमत नहीं रहा, इसलिए प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। कांग्रेस ने राज्यपाल को विकल्प भी दिया है। भूपेंद्र हुड्डा की ओर से कहा गया कि यदि राज्यपाल भाजपा सरकार को बर्खास्त नहीं करते और न ही राष्ट्रपति शासन लगाते तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा जाना चाहिए।
चंडीगढ़ मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए आफताब अहमद और भारत भूषण बतरा ने कहा कि हम विधायकों की खरीद फरोख्त (हार्स ट्रेडिंग) के पक्ष में नहीं हैं। कांग्रेस के 30, जजपा के 10, चार निर्दलीय और एक इनेलो (कुल 45) विधायक हमारे साथ हैं। सत्तारूढ़ भाजपा के पास विधायकों की संख्या 43 बताई जा रही है, जो कि बहुमत से दो कम है। इसलिए भाजपा सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। अल्पमत की भाजपा सरकार कोई नीतिगत फैसले भी नहीं ले सकती।
कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक भारत भूषण बतरा ने कहा कि ऐसा कोई प्रविधान नहीं है कि किसी सरकार द्वारा एक बार विश्वास मत साबित करने के बाद अगले छह माह तक उसके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद ने कहा कि यदि राज्यपाल कहेंगे तो हम अपनी पार्टी के सभी 30 विधायकों की परेड राजभवन में कराने को तैयार हैं। दोनों कांग्रेस नेताओं ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम तीन माह के लिए सरकार नहीं बनाएंगे। ऐसा करने पर विधायकों की खरीद-फरोख्त (हार्स ट्रेडिंग) होगी। इसलिए हमने राजभवन पहुंचकर प्रदेश की भाजपा सरकार को बर्खास्त करने व राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कराने की मांग की है।