कांग्रेस सांसद राकेश राठौर को 48 दिन बाद बुधवार सुबह 8 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई के दौरान जेल के बाहर भारी भीड़ उमड़ी, जिसमें उनके बेटे रत्नम राठौर, परिवारजन और समर्थक शामिल थे। सांसद को सफेद रंग की निजी गाड़ी से लोहारबाग स्थित आवास लाया गया, जहां उनके स्वागत की जोरदार तैयारियां की गई थीं।
रिहाई के बाद सांसद की प्रतिक्रिया
जेल से बाहर आते ही जब उनसे दुष्कर्म के आरोप को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “जो भी आरोप मुझ पर लगे हैं, उसके लिए लोगों ने मेरे लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की है। अगर यह पाप मैंने किया होता, तो मैं स्वयं ईश्वर से उससे भी कठोर दंड मांगता।”
सांसद के आवास पर पहुंचने से पहले ही सड़क पर चूने से “WELCOME” लिखकर उनका स्वागत किया गया। घर पहुंचने के बाद समर्थकों और शुभचिंतकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। गुलाल से उनका टीका कर स्वागत किया गया और बधाइयों का तांता लग गया। इसी दौरान कांग्रेस नेता दिनेश सिंह भी लखनऊ से उनसे मिलने पहुंचे।
सांसद ने क्या कहा?
सांसद राकेश राठौर ने कहा, “हम जो लड़ाई लड़ रहे थे, वह कुछ लोगों को रास नहीं आई। 11 जनवरी को मैंने जो प्रेस कांफ्रेंस की थी, वह भ्रष्टाचारियों और भू-माफियाओं के खिलाफ एक निर्णायक कदम था। इससे बौखलाकर कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच दिया। लेकिन मुझे ईश्वर और कानून की अदालत पर पूरा भरोसा है।”
उन्होंने आगे कहा, “जल्द ही मैं दोषमुक्त होकर सामने आऊंगा। अदालत में सच सामने आएगा और सारी परतें एक-एक करके खुलेंगी। गरीबों के हक और भू-माफियाओं के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी।”
सांसद ने जनता को भरोसा दिलाया कि अब वह रोजाना सुबह 9 बजे अपने कार्यालय में बैठकर जनसमस्याओं को सुनेंगे और समाधान निकालेंगे।
क्या है पूरा मामला?
- 17 जनवरी 2025 – एक महिला ने सांसद राकेश राठौर पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया।
- 23 जनवरी 2025 – जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट में जमानत याचिका नामंजूर कर दी गई।
- 30 जनवरी 2025 – सांसद को लोहारबाग स्थित आवास से शहर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
- 11 मार्च 2025 – लखनऊ खंडपीठ ने दुष्कर्म के मामले में जमानत मंजूर कर दी।
- 18 मार्च 2025 – पुलिस ने मामले में बीएनएस धारा 69 बढ़ाने की सिफारिश की, लेकिन सांसद पक्ष ने सीजेएम कोर्ट में जमानत अर्जी डाली और इस धारा में भी उन्हें जमानत मिल गई।
अब उनकी रिहाई के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है, जबकि समर्थक इसे साजिश करार दे रहे हैं। सांसद ने अपने संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया है।