कैथल में बोले कांग्रेस प्रभारी, विधानसभा में सिखों को देंगे एक सीट

कैथल, 01 जुलाई (हि.स. )। पंजाबी सेवा सदन में सोमवार को आयोजित सिख न्याय चौपाल में हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे। सिख समाज ने उन्हें ज्ञापन देकर हरियाणा के सिखों की ज़रूरतों और दिखतों से अवगत करवाया वह इसके समाधान की मांग करते हुए विधानसभा चुनाव 2024 के घोषणा पत्र में उन्हें शामिल करने की मांग की।

कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए दीपक बावरिया ने कहा कि सिख समाज के लोगों ने जो मांगे रखी हैं।‌

वह पूरी तरह जायज हैं। आज तक भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा के सिख समाज की पूरी तरह से अनदेखी की है। वह अपने सीनियर नेताओं को सिख समाज की मांगों से अवगत कराएंगे और इन पर चर्चा करेंगे। सिख समाज की मांगों को कांग्रेस आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगी। कांग्रेस ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अपने घोषणा पत्र पर काम करना शुरू कर दिया है।

सिख न्याय चौपाल का मुख्य मुद्दा हरियाणा में सिखों के अधिकारों की रक्षा करना और उनकी मांगों को जानना है। सिख समाज के लोगों को हरियाणा में एक सीट देने का आश्वासन दिया गया है।

कांग्रेस की गुटबाजी और संगठन को लेकर किए गए सवालों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी पर भाजपा के मीडिया सेल ने एक नरेटिव सेट किया है। जो कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर प्रचार करता है और बीजेपी की गुटबाजी उसे नजर नहीं आती। ‌राहुल गांधी के बयान के बाद भी कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा का आलाकमान को लेकर दिए गए कम ज्ञान के सवाल सवाल पर दीपक बावरिया ने कहा की कुमारी शैलजा एक सुलझी हुई नेता है और आलाकमान हर बात का आंकलन करती है। आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उनका पूरा संगठन बन जाएगा। ‌

ज्ञापन में सिख समाज ने रखी ये मांगे

दीपक बावरिया को दिए गए ज्ञापन में सिख समाज ने हरियाणा में गुरु गोविंद सिंह के नाम से यूनिवर्सिटी बनाने, अंबाला सिरसा बॉर्डर पर भगत सिंह के नाम से यादगार चिन्ह बनाने, अल्पसंख्यक आयोग का गठन करने, लंगर के लिए आने वाले खाद्य पदार्थों पर जीएसटी बंद करने, करतारपुर साहब व ननकाना साहब में जाने की प्रक्रिया को सरल करने, आर्म लाईसेंस प्रक्रिया को सरल करने, सिख युवाओं को नौकरियों में आर्थिक आधार पर आरक्षण देने, गतका विद्या को संरक्षण देने, सिख छात्रों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता देने, एचएसजीएमसी को सरकार के प्रभाव से मुक्त करने व सिखों को राजनीति में उनकी संख्या के अनुसार बराबर का हिस्सा देने की मांग की।