चंडीगढ़, 3 मई (हि.स.)। करनाल लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा ने शुक्रवार को पंचकूला की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें जमानत दे दी है। अब दिव्यांशु के चुनाव लड़ने के लिए कोई बाधा नहीं है।
दरअसल, साल 2018 में दिव्यांशु बुद्धिराजा ने पंचकूला में बेरोजगारी को लेकर प्रदर्शन किया था। दिव्यांशु पंचकूला के गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर-1 में युवाओं से मिलने पहुंचे मनोहर लाल के काफिले में घुस गए और नारेबाजी की थी। बाद में उन्होंने पंचकूला में ‘मनोहर लाल-जवाब दो’ के पोस्टर लगाए गए थे, जिसमें युवाओं को नौकरी देने से जुड़े सवाल पूछे गए थे। इस मामले में दिव्यांशु बुद्धिराजा पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान का केस दर्ज हुआ था। इस केस में दिव्यांशु बुद्धिराजा सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुए। जिस वजह से कोर्ट के आदेश पर 3 जनवरी 2024 को पंचकूला सेक्टर 14 के पुलिस थाना में धारा 174ए के तहत मामला दर्ज किया गया।
गुरुवार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के दौरान आरोपित के वकील ने दिव्यांशु से बिना किसी शर्त कोर्ट में सरेंडर करवाने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद दिव्यांशु बुद्धिराजा ने शुक्रवार को पंचकूला स्थित सिविल जज (जूनियर डिवीजन) अरुणिमा चौहान की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला बाद दोपहर के लिए सुरक्षित रख दिया। बाद दोपहर कोर्ट ने बुद्धिराजा को जमानत दे दी।
बुद्धिराजा के वकील एसपीएस परमार ने कहा कि हमने सरेंडर करने के बाद रेगुलर बेल अप्लाई की थी। यह जमानती अपराध था तो हमने कोर्ट से रिक्वेस्ट की कि जमानत दे दी जाए। अब हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 7 मई को होगी, जिसमें दिव्यांशु के वकील स्टेटस रिपोर्ट देंगे। पंचकूला की कोर्ट में इस केस की सुनवाई 30 मई को होगी।