गोपेश्वर, 09 जून (हि.स.)। चमोली जिला स्थित गोपेश्वर महाविद्यालय में ‘भारत से विकसित भारत’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का रविवार को समापन हो गया। संगोष्ठी में अंतिम सत्र के मुख्य वक्ता आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर ही विकास की नीतियां बनाई जानी चाहिए, तभी वास्तविक रूप से भारत विकसित हो पाएगा।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश ने कहा कि आय के पारंपरिक स्रोतों एवं आधुनिक स्रोतों का समन्वय स्थापित कर ही विकसित भारत की संकल्पना साकार की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आय के स्रोतों एवं जनसंख्या नियंत्रण में एक संतुलन होना चाहिए।
कार्यक्रम अध्यक्ष गोपेश्वर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. कुलदीप नेगी ने कहा कि पहाड़ में बढ़ती हुई पर्यटकों की आबादी आय के नए स्रोतों को जन्म दे रही है, लेकिन चारधाम यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाना होगा।
गोष्ठी के संयोजक प्रो. विनोद श्रीवास्तव ने बताया कि इस संगोष्ठी में 74 शोध पत्र पढ़े गए। सभी शोध पत्र विकसित भारत के नीति निर्माण में सहायक सिद्ध होंगे। संगोष्ठी में डॉ. सरिता द्विवेदी को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।