जयपुर, 22 मई (हि.स.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी अपनी वार्षिक पत्रिका ’रिहाण 2024-25’ के लिये देशभर के सिन्धी साहित्यकारों से रचनायें आमंत्रित करती है। साहित्यकार अपनी रचनायें देवनागरी/अरबी लिपि में भिजवा सकते हैं।
अकादमी सचिव योगेन्द्र गुरनानी ने बताया कि रचना की दो प्रतियों के साथ पासपोर्ट साईज का रंगीन छायाचित्र, जन्म स्थान, जन्मतिथि, योग्यता, व्यवसाय, प्रकाशित पुस्तकें, घर के पते के साथ पिनकोड एवं मोबाईल नम्बर की जानकारी के साथ रचना मौलिक एवं पूर्व में प्रकाशित नहीं हुई है, इसका प्रमाण-पत्र भिजवाना आवश्यक है। इन सूचनाओं के अभाव में ’’रिहाण’’ में रचना प्रकाशन संभव नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि ’रिहाण’ में प्रकाशित रचनाओं पर नियमानुसार मानदेय दिया जायेगा। साहित्यकारों से अनुरोध है कि रचना पृष्ठ के केवल एक तरफ साफ-2 सुपाठ्य लिखित या टाईप की हुई हो। रचना रिहाण में छपना, उसके मयार पर निर्भर होगी। रचना 3-4 पृष्ठों से अधिक नहीं होनी चाहिये। नाटक की स्थिति में 6-7 पृष्ठ हो सकते हैं। रचनायें अकादमी कार्यालय में 31 जुलाई, 2024 तक रजिस्टर्ड डाक/कोरियर से पहुंचना जरूरी हैं। मेल से प्रेषित एवं देर से प्राप्त रचनाओं पर विचार नहीं किया जायेगा।