Commotion again in Tihar Jail: मकोका में दोषी करार होते ही गैंगस्टर सलमान त्यागी ने लगा ली फांसी, सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल
Commotion again in Tihar Jail: देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक मानी जाने वाली दिल्ली की तिहाड़ जेल एक बार फिर सवालों के कटघरे में है। नीरज बवाना गैंग के एक कुख्यात सदस्य, गैंगस्टर सलमान त्यागी, ने कोर्ट द्वारा एक गंभीर मामले में दोषी ठहराए जाने के महज़ कुछ ही घंटों के भीतर जेल के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस सनसनीखेज घटना ने तिहाड़ जेल की हाई-सिक्योरिटी व्यवस्था पर एक बार फिर से गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
यह मामला सिर्फ एक कैदी की आत्महत्या का नहीं है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि कैसे एक हाई-रिस्क कैदी, जिसे एक बड़े अपराध में दोषी ठहराया गया हो, जेल के अंदर आत्महत्या जैसा कदम उठाने में कामयाब हो गया।
कौन था सलमान त्यागी?
सलमान त्यागी कोई छोटा-मोटा अपराधी नहीं था। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर और फिलहाल तिहाड़ जेल में ही बंद नीरज बवाना गैंग का एक अहम सदस्य था। उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, उगाही और संगठित अपराध के कई गंभीर मामले दर्ज थे। वह लंबे समय से दिल्ली और आसपास के इलाकों में अपराध की दुनिया में सक्रिय था।
कोर्ट का फैसला और मौत का फासला
जिस दिन सलमान त्यागी ने यह कदम उठाया, उसी दिन दिल्ली की एक अदालत ने उसे और उसके साथियों को मकोका (MCOCA - Maharashtra Control of Organised Crime Act)जैसे बेहद सख्त कानून के तहत संगठित अपराध चलाने का दोषी ठहराया था।
- क्या है मकोका?: यह एक बहुत ही कड़ा कानून है जो विशेष रूप से संगठित आपराधिक गिरोहों और सिंडिकेट पर नकेल कसने के लिए बनाया गया है। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर बहुत लंबी और कठोर सजा का प्रावधान है, जिसमें जमानत मिलना लगभग नामुमकिन होता है।
माना जा रहा है कि मकोका के तहत दोषी करार दिए जाने के बाद सलमान त्यागी को यह एहसास हो गया था कि अब उसका जीवन सलाखों के पीछे ही गुजरेगा। शायद इसी हताशा और निराशा में उसने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया। सजा सुनाए जाने और उसकी मौत के बीच सिर्फ कुछ ही घंटों का फासला था।
सुरक्षा में भारी सेंध: कैसे हुई जेल के अंदर आत्महत्या?
यह घटना तिहाड़ जेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है।
- कहां मिला शव?: सलमान त्यागी का शव तिहाड़ की जेल नंबर 1 के हाई-सिक्योरिटी वार्ड के कॉमन बाथरूम में लटका हुआ मिला।
- कैसे की आत्महत्या?: उसने फांसी लगाने के लिए चादर या कपड़े का इस्तेमाल किया, जिसे उसने बाथरूम के अंदर किसी ऊंची जगह से बांधा।
- उठते हुए सवाल:
- एक हाई-रिस्क कैदी पर 24 घंटे निगरानी क्यों नहीं रखी जा रही थी?
- कोर्ट से एक बड़े मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कैदी की मानसिक स्थिति का आकलन क्यों नहीं किया गया?
- उसे अकेले बाथरूम में जाने की इजाजत कैसे मिली और उसके पास फांसी लगाने का सामान कहां से आया?
इस घटना के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं और एक मजिस्ट्रेट जांच भी की जाएगी ताकि यह पता चल सके कि यह सिर्फ एक आत्महत्या है या इसके पीछे कोई साजिश है।
यह पहली बार नहीं है जब तिहाड़ जेल अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा में आई है। इससे पहले भी जेल के अंदर गैंगवार और हत्या की घटनाएं हो चुकी हैं, जो यह दर्शाती हैं कि भारी सुरक्षा के दावों के बावजूद कहीं न कहीं कोई बड़ी चूक मौजूद है। सलमान त्यागी की मौत ने इन चूकों को एक बार फिर सतह पर ला दिया है।
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