निराकरण पोर्टल पर आधी-अधूरी व अस्पष्ट जानकारी न भरें: कलेक्टर

ग्वालियर, 28 मई (हि.स)। शिकायतों के निराकरण के संबंध में पोर्टल पर आधी-अधूरी व अस्पष्ट जानकारी कदापि न भरी जाए। सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, एसडीएम व एल-दो लेवल के अधिकारी इसे व्यक्तिगत रूप से देखें। यह निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने मंगलवार को अंतरविभागीय समन्वय बैठक में सीएम हैल्पलाइन की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने बैठक से ही फोन लगाकर शिकायतकर्ताओं से बात की और सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण की वस्तुस्थिति जानी।

कलेक्टर रुचिका चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत छात्रवृत्ति न मिलने से संबंधित एक शिकायत के संबंध में शिकायतकर्ता से बात की। बातचीत में पता चला कि लाड़ली लक्ष्मी प्रमाण-पत्र व समग्र आईडी में जन्मतिथि की भिन्नता होने से छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। कलेक्टर ने सभी नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों के जिम्मेदार अधिकारियों को इस प्रकार की समस्याओं का अभियान बतौर समाधान करने के निर्देश दिए।

इसी तरह सीएम हैल्पलाइन पर आईं नामांतरण व अन्य विभागों की समस्याओं से संबंधित शिकायतों के बारे में कलेक्टर ने जिले की विभिन्न तहसीलों के शिकायतकर्ताओं से मोबाइल फोन पर चर्चा की। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों को व्यक्तिगत रूप से देखें और 10 दिन के भीतर शिकायतों के निराकरण में अच्छी प्रगति लाएँ। सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में प्रगति ठीक न होने पर संबंधित एसडीएम जवाबदेह होंगे।

कलेक्टर ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि एल-2 स्तर के अधिकारी शिकायतकर्ताओं से स्वयं बात करें। साथ ही यह भी देखें कि एल-1 स्तर से सही कार्रवाई की गई है कि नहीं। उन्होंने कलेक्ट्रेट से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिये जिले के दोनों अपर कलेक्टर को जवाबदेही सौंपी है। उन्होंने कहा कि एल-1 स्तर से ही शिकायतों के निराकरण के संबंध में स्पष्ट जवाब भरा जाए, जिससे शिकायतकर्ता को पता लग सके कि उसकी शिकायत का समाधान हो गया है या हो रहा है।

मंगलवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई अंतरविभागीय समन्वय बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार व टीएन सिंह, जिले के सभी एसडीएम एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

हर अस्पताल का करें फायर ऑडिट

कलेक्टर रुचिका चौहान ने ग्वालियर शहर सहित सम्पूर्ण जिले में स्थित सरकारी व निजी अस्पतालों का अभियान बतौर फायर ऑडिट कराने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बैठक में मौजूद नगर निगम के अपर आयुक्त को निर्देश दिए कि शहर के हर छोटे-बड़े अस्पताल का फायर ऑडिट कराएँ। साथ ही यह सुनिश्चित कराएँ कि सभी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहें। उन्होंने कहा शासन के दिशा-निर्देशों के तहत हर अस्पताल पर नगर निगम का फायर एनओसी होना चाहिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि अस्पतालों की तरह 15 मीटर ऊँचाई और 500 वर्ग मीटर से ज्यादा एरिया में बने सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों को भी फायर एनओसी लेना आवश्यक है।

हर विभाग सुनियोजित वृक्षारोपण की तैयारी करें

कलेक्टर ने कहा कि नगर निगम, वन व जिला पंचायत सहित सभी विभागों के अधिकारी अभी से लक्ष्य निर्धारित कर वृक्षारोपण की तैयारी करें। जिन शासकीय परिसरों की बाउण्ड्रीवॉल है वहाँ पर पौधे रोपे जाएँ। उन्होंने 10 जून तक सभी विभागों से वृक्षारोपण की कार्ययोजना मांगी है। इसके लिये गूगल शीट तैयार करने के निर्देश उन्होंने दिए।

बरसात से पहले कराएँ जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार

बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान ने बरसात से पहले जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में स्थित पुरानी जल संरचनाओं के संरक्षण व जीर्णोद्धार का कार्य करने के निर्देश भी बैठक में दिए। उन्होंने कहा सभी नगरीय निकाय व जनपद पंचायत पुराने जलाशयों व अन्य जल संरचनाओं का प्रमुखता के साथ जीर्णोद्धार कराएँ।

समय-सीमा में निराकरण न करने वाले अधिकारियों पर लगाएँ अर्थदण्ड

लोक सेवा केन्द्र एवं समाधान एक दिवस के तहत समय-सीमा में आवेदनों का निराकरण करने पर भी कलेक्टर ने विशेष बल दिया। उन्होंने ऐसे अधिकारियों पर अर्थदण्ड लगाने के निर्देश दिए जिन्होंने समय-सीमा के भीतर आवेदनों का निराकरण नहीं किया है।