कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला: ट्रायल कोर्ट से दोषी करार पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप राय की सजा पर रोक

नई दिल्ली, 08 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में ट्रायल कोर्ट की ओर से दोषी करार दिए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप राय की सजा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने 5 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब दिलीप राय चुनाव लड़ सकेंगे। दिलीप राय अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री रहे थे।

जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता की सजा पर रोक नहीं लगाई जाती है और अगर वे बाद में दोषमुक्त हो जाते हैं तो इसके गलत परिणाम होंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर सजा पर रोक नहीं लगाई जाती है तो याचिकाकर्ता को चुनाव लड़ने का भी मौका नहीं मिल पाएगा और इससे उनका राजनीतिक करियर खराब हो जाएगा।

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने दिलीप राय की याचिका का विरोध किया था। सीबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आरएस चीमा ने कहा था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सजा पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है और ये कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ा केस है। याचिकाकर्ता किसी भी राहत का हकदार नहीं है। उन्होंने कहा था कि याचिकाकर्ता ये बता पाने में नाकाम रहा है कि अगर उसकी सजा पर रोक नहीं लगाई गई तो उसके क्या नुकसान होंगे।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 21 मार्च को सीबीआई को नोटिस जारी किया था। दिलीप राय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि वो ओडिशा से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसलिए वे सजा पर रोक की मांग कर रहे हैं। रोहतगी ने कहा था कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) के प्रावधान के मुताबिक दिलीप राय चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। उन्होंने कहा था कि दिलीप राय की उम्र 71 वर्ष है और ऐसे में उनकी सजा पर रोक लगनी चाहिए।

हाई कोर्ट ने 27 अक्टूबर, 2020 को दिलीप राय और इस मामले के तीन आरोपितों महेंद्र कुमार अग्रवाल, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम की सजा निलंबित कर दी थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 26 अक्टूबर, 2020 को दिलीप राय समेत कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी, नित्यानंद गौतम और कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीस के डायरेक्टर महेन्द्र कुमार अग्रवाल को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने दिलीप राय पर दस लाख रुपये, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम पर दो-दो लाख रुपये, महेन्द्र अग्रवाल पर साठ लाख रुपये, दोषी कंपनी कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीस पर 60 लाख रुपये और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड पर दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

यह मामला झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीहा में 105 हेक्टेयर से ज्यादा के कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा है। ये कोयला ब्लॉक कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड नामक कंपनी को आवंटित किया गया था।