दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले नई दिल्ली सीट पर सियासी घमासान तेज हो गया है। नई दिल्ली जिले के जिला चुनाव अधिकारी (DEO) ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ शिकायत भेजी है। शिकायत में कहा गया है कि ‘आप’ के प्रतिनिधि बार-बार ऐसी जानकारी मांग रहे हैं, जिसे साझा नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, अधिकारी ने आरोप लगाया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उन्हें बिना किसी स्पष्ट एजेंडा के बैठक के लिए बुलाया।
चुनाव अधिकारी ने क्या कहा?
4 जनवरी को मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे अपने पत्र में डीईओ ने ‘आप’ पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा:
“आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि बार-बार मेरे कार्यालय में आते हैं और वोटर लिस्ट में आपत्ति जताने वाले (ऑब्जेक्टर्स) की व्यक्तिगत जानकारी मांगते हैं। भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऐसी जानकारी साझा करना प्रतिबंधित है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आतिशी ने उन्हें बिना किसी तय एजेंडे के बैठक के लिए बुलाया।
“मुख्यमंत्री ने पहले भी बिना किसी स्पष्ट कार्यसूची के मुझसे मुलाकात करने को कहा था। अब उन्होंने फिर से वोटर लिस्ट के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाया।”
डीईओ ने इस मामले पर मार्गदर्शन मांगा है कि क्या उन्हें ऐसी बैठकों में शामिल होना चाहिए, जिनके लिए पहले से कोई एजेंडा तय नहीं होता।
‘आप’ के आरोप और विवाद की पृष्ठभूमि
‘आप’ ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली सीट पर वोटर लिस्ट में हेरफेर की कोशिश हो रही है।
- मुख्यमंत्री आतिशी ने दावा किया कि 10,000 से अधिक नए वोटर्स के नाम जोड़ने के आवेदन दिए गए हैं।
- उन्होंने यह भी कहा कि हजारों वोटर्स के नाम हटाने के आवेदन आए हैं।
- ‘आप’ ने इस प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए हैं और निष्पक्षता पर चिंता जाहिर की है।
चुनाव आयोग के दिशानिर्देश और अधिकारी की दलील
भारतीय निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक:
- वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने वाले आवेदनों की व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं की जा सकती।
- डीईओ का कहना है कि ‘आप’ के प्रतिनिधि बार-बार ऐसी जानकारी मांग रहे हैं, जिससे गोपनीयता का उल्लंघन हो सकता है।
नई दिल्ली सीट पर क्यों बढ़ी सियासी हलचल?
नई दिल्ली सीट पर मुख्यमंत्री आतिशी आम आदमी पार्टी की प्रमुख उम्मीदवार हैं। यह सीट हमेशा से दिल्ली के सियासी केंद्र में रही है।
- भाजपा और ‘आप’ दोनों ही इस सीट पर पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
- वोटर लिस्ट को लेकर विवाद ने चुनाव से पहले गर्मी बढ़ा दी है।
क्या कहता है डीईओ का पत्र?
डीईओ ने अपने पत्र में लिखा:
- ‘आप’ के प्रतिनिधियों की बार-बार की मांगें चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाल रही हैं।
- उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या उन्हें सरकार द्वारा बुलाई गई बिना एजेंडा वाली बैठकों में भाग लेना चाहिए।